तीसरी सरकार के पहले भाषण में दिखा जोश, लाल किले से पीएम मोदी की अबतक की सबसे लंबी स्पीच

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नई दिल्ली: तीसरे कार्यकाल के पहले ही संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. 2024 के स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर से पीएम ने 98 मिनट का भाषण दिया. लाल किले के प्राचीर से दिया गया उनका अब तक का यह सबसे लंबा भाषण है. 2016 में प्रधानमंत्री ने 94 मिनट का भाषण दिया था.

लाल किले से सबसे ज्यादा बार भाषण देने वाले प्रधानमंत्रियों की लिस्ट में नरेंद्र मोदी तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू इस मामले में शीर्ष पर हैं, उन्होंने 17 बार लाल किले स्वतंत्रता दिवस पर भाषण दिया. इंदिरा गांधी दूसरे नंबर पर हैं. श्रीमति गांधी ने 16 बार लाल किले से भाषण दिया है.

2017 में सबसे कम 56 मिनट बोले
2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से अपना पहला भाषण दिया. इस दौरान वे करीब 65 मिनट तक बोले. प्रधानमंत्री ने अपने इस भाषण में तरक्की और 2022 का रोडमैप देश के सामने रखा. 2015 में प्रधानमंत्री ने दूसरी बार लाल किले से भाषण दिया. इस बार वे 86 मिनट बोले और पंडित नेहरू के 72 मिनट के भाषण का रिकॉर्ड तोड़ दिया.

साल 2016 में नरेंद्र मोदी करीब 94 मिनट तक बोले. उस वक्त मॉब लीचिंग का मामला पूरे देश में गर्म था और प्रधानमंत्री ने लाल किले से इसको लेकर संदेश दिया. उन्होंने कहा कि जो राष्ट्र जाति और धर्म जैसे कारणों से विभाजित है, वह महान उपलब्धियां हासिल नहीं कर सकता.

2017 में प्रधानमंत्री ने सबसे कम 56 मिनट का भाषण लाल किले से दिया. प्रधानमंत्री के इस भाषण की विपक्ष ने आलोचना की और कहा कि नोटबंदी जैसे फ्लॉप जैसे मुद्दों की वजह से प्रधानमंत्री ज्यादा कुछ नहीं बोल पाए. 2018 में प्रधानमंत्री करीब 82 मिनट तक बोले.

2 बार 90 मिनट और उससे ज्यादा बोले
अपने दूसरे कार्यकाल के 5 संबोधन में 2 बार प्रधानमंत्री 90 मिनट या उससे ज्यादा बोले. 2019 में प्रधानमंत्री ने 90 मिनट का भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाने का जिक्र किया और कहा कि कश्मीर को गुलामी से मुक्ति मिली है.

2020 में प्रधानमंत्री मोदी ने 86 और 2021 में 88 मिनट तक का भाषण दिया. 2022 में प्रधानमंत्री करीब 83 मिनट तक ही बोले. 2023 में उन्होंने 93 मिनट का भाषण दिया. इस भाषण में उन्होंने फिर से लाल किले से झंडा फहराने की घोषणा की.

इस बार किन मुद्दों पर रहा फोकस?
प्रधानमंत्री ने 2024 में सिविल कोड का जिक्र लाल किले के प्राचीर से किया. उन्होंने कहा कि देश में सेक्युलर कोड की जरूरत है. अभी सिर्फ कम्युनल कोड चल रहा है. उन्होंने अपने भाषण में विज्ञान और मेडिकल पर विशेष फोकस रखा.

भारतीय न्याय संहिता का भी प्रधानमंत्री ने जिक्र किया. उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो, इस दिशा में भी हमने काम किया है. हमने देशवासियों के लिए 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया, ताकि कानूनों के जंजाल में देशवासियों को फंसना न पड़े.

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