नई दिल्ली। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किसानों को राहत दे दी है. अमित शाह ने कहा है कि इफको का नैनो यूरिया और नैनो डीएपी किसानों को पैदावार से किसी भी तरह का समझौता नहीं करना होगा. अब किसानों को प्राकृतिक खेती करने में काफी मदद मिलेगी. शाह ने इफको की कलोल में स्थित इकाई में नैनो डीएपी संयंत्र के उद्घाटन में इस बारे में जानकारी दी है. इफको ने एक बयान में इसे दुनिया में अपनी तरह का पहला संयंत्र बताया है.
बयान के मुताबिक, सहकारिता मंत्री ने इस अवसर पर कहा है कि आज से दस साल बाद जब कृषि के क्षेत्र में सबसे बड़े प्रयोगों की सूची तैयार की जाएगी, तो मैं पूरे यकीन से कह सकता हूं कि इफको के नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी को उसमें जगह मिलेगी.
अमित शाह ने कहा कि यूरिया का उपयोग कम करना और प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना आज के वक्त की जरूरत है. शाह ने कहा है कि अगर आप तीन साल तक उत्पादन कम किए बगैर प्राकृतिक खेती करना चाहते हैं, तो नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का उपयोग करें. ऐसी खेती के लिए मिट्टी तैयार करने के लिए तीन साल का समय जरूरी होता है.
उन्होंने किसानों से दानेदार यूरिया और डीएपी के बजाय इन उर्वरकों के तरल रूपों को अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि दानेदार यूरिया का उपयोग न केवल फसलों को बल्कि लोगों के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है.
उन्होंने पिछली सरकार पर किसानों और खेती दोनों की अनदेखी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा है कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने सुनिश्चित किया है कि कोविड-19 महामारी के बाद उर्वरक की लागत बढ़ने का बोझ किसानों पर न डाला जाए. इसकी वजह से उर्वरक पर सब्सिडी 2013-14 के 73,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2.55 लाख करोड़ रुपये हो गई जिसका बोझ सरकार ने उठाया.
इस अवसर पर केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया, इफको के चेयरमैन दिलीप संघानी और मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक उदय शंकर अवस्थी भी उपस्थित थे.
इफको ने कहा कि यह अपनी तरह का पहला संयंत्र है जो पारंपरिक डीएपी की एक बोरी के बराबर क्षमता वाली 500 मिलीलीटर की नैनो डीएपी (तरल) बोतलों का उत्पादन करेगा. इस संयंत्र की दैनिक उत्पादन क्षमता दो लाख बोतलों की होगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी, 2021 में नैनो यूरिया के उत्पादन को मंजूरी दी थी. इफको ने अगस्त, 2021 में नैनो यूरिया का उत्पादन शुरू किया था और मार्च, 2023 तक लगभग 6.3 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया जा चुका था.