नई दिल्ली: सबसे धीमी गति से चलने वाले राजा शनि देव हैं। जी हाँ और यदि यह महाराज किसी की कुण्डली में प्रवेश कर जाए तो वह कम से कम ढाई वर्ष और अधिकतम साढ़े सात वर्ष तक रहता है। आपको बता दें कि अगर किसी कुंडली में शनि महाराज ढाई साल की अवधि के लिए हों तो उसे ढैय्या कहा जाता है। हाँ, और यह अधिकतम साढ़े सात वर्ष की होती है, तो इसे साढ़ेसाती कहते हैं। वहीं शनि के इस प्रकोप से बचने के लिए लोगों को शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करनी चाहिए और काले रंग की वस्तुओं का दान करना चाहिए। कहा जाता है कि जब शनि देव की कृपा शुरू होती है तो इसके कुछ लक्षण कुछ इस तरह दिखने लगते हैं और आज हम आपको उन राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
शनि की कृपा के पूर्व संकेत-
आकस्मिक लाभ: यदि आपको कहीं से अचानक धन लाभ होता है या अचानक आपका कोई रुका हुआ काम पूरा हो जाता है। इससे आपके ऐश्वर्य और वैभव में वृद्धि होती है। इससे मान-सम्मान बढ़ता है तो समझ लेना चाहिए कि शनि देव महाराज की कृपा आप पर शुरू हो गई है। जी हां और ऐसा होने पर शनि देव के मंदिर में जाकर भगवान का आभार प्रकट करें और पूजा-अर्चना करें।
शनिवार को चप्पल खोना: अगर अचानक आपकी चप्पल या जूते गुम हो गए हैं और वह दिन शनिवार है, तो समझ लें कि शनि देव आप पर प्रसन्न हो गए हैं। हां और अब आपके सारे बिगड़े हुए काम हो जाएंगे।
अच्छा स्वास्थ्य: यदि आप और आपके परिवार के सभी सदस्य अच्छे स्वास्थ्य में हैं और आप किसी बीमारी का सामना नहीं कर रहे हैं। तो समझ लेना चाहिए कि आप पर शनिदेव महाराज की कृपा है। जी हां और इसके लिए आप शनि देव के मंदिर जाएं और शनि देव महाराज को धन्यवाद दें। इसके अलावा काले रंग की वस्तुओं का दान करें।