नई दिल्ली: जीवन में सफल होना तथा अपने उद्देश्य को हासिल करना हर शख्स का स्वपन होता है। कई बार मनुष्य बहुत श्रम करने के पश्चात् भी सफलता प्राप्त नहीं कर पाता है जबकि कुछ लोग सरलता से अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल होते हैं। चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में उपलब्धि के कई मूल मंत्रों का विश्लेषण किया है। चाणक्य नीति के मुताबिक दृढ़ निश्चय सफलता की कुंजी है। चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ के छठे अध्याय के 16वें श्लोक के जरिये इस बात को समझाने का प्रयास किया है।
प्रभूतंकार्यमल्पंवातन्नरः कर्तुमिच्छति।
सर्वारंभेणतत्कार्यं सिंहादेकंप्रचक्षते॥
वही इस श्लोक के जरिये चाणक्य ने कहा है कि जिस तरह शेर पूरी ताकत के साथ झपट्टा मारकर अपना शिकार करने में कामयाब होता है। ठीक उसी तरह मनुष्य को दृढ़ निश्चय के साथ अपना उद्देश्य निर्धारित करना चाहिए। चाणक्य के मुताबिक, निराशावादी नहीं होना चाहिए बल्कि पूरी इच्छा और ताकत से अपना उद्देश्य निर्धारित करना चाहिए। ऐसे करने से कार्यों में कामयाबी अवश्य प्राप्त होती है।