नई दिल्ली: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि धन की देवी लक्ष्मी का स्वभाव बहुत ही चंचल है! जहां अच्छे कार्यों को करने से लक्ष्मी जी का आर्शीवाद प्राप्त होता हैं वहीं गलत कार्यों को करने से लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और उस स्थान को छोड़कर चली जाती हैं! इसलिए गलत कार्यों को कभी नहीं करना चाहिए!लक्ष्मी जी उन लोगों को अपना आर्शीवाद प्रदान करती हैं जो मानव कल्याण के बारे में सोचते हैं और प्रयास करते हैं! धन का प्रयोग जो लोग दूसरों को कष्ट देने और नुकसान पहुंचाने के लिए करते हैं, उनका साथ लक्ष्मी जी बहुत जल्दी छोड़ देती हैं!
गीता के उपदेश में भी परोपकार के बारे में बताया है! भगवान श्रीकृष्ण कुरुक्षेत्र में अर्जुन को उपदेश देते हुए कहते हैं कि परोपकार करते समय किसी प्रकार के प्रतिफल की कामना नहीं करना चाहिए! जो लोग परोपकार करते हैं यानि दूसरों की मदद करते हैं! संसाधनों का प्रयोग लोक के कल्याण के लिए करते हैं वे सदैव के लिए अमर हो जाते हैं! ऐसे लोगों की हर स्थान पर सराहना होती है! मान सम्मान प्राप्त करते हैं! लेकिन कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए! इन कामों को करने से लक्ष्मी जी नाराज होती हैं-
किसी को धोखा नहीं देना चाहिए
चाणक्य के अनुसार धोखा देने वाले व्यक्ति को समाज में सम्मान प्राप्त नहीं होता है! ऐसे लोगों पर सहज विश्वास करना मुश्किल होता है! धोखा देना अच्छी बात नहीं है! इसे बहुत ही बुरा माना गया है! धोखा देने वालों को लक्ष्मी जी पसंद नहीं करती हैं और समय आने पर ऐसे लोगों का साथ छोड़ देती हैं!
धन का दिखावा न करें
लक्ष्मी जी ऐसे व्यक्ति को पसंद नहीं करती हैं जो धन का दिखावा करता है! धन का प्रयोग सामने वाले व्यक्ति को नीचा दिखाने के लिए कभी नहीं करना चाहिए!
धन का महत्व जानना चाहिए
धन का महत्व जानना बहुत जरूरी है! धनवान व्यक्ति भी धन का महत्व नहीं जानते हैं! धन का प्रयोग बहुत ही सावधानी से करना चाहिए! बुरे वक्त में जब सब साथ छोड़ देते हैं तब धन ही सच्चे मित्र की भूमिका निभाता है! इसलिए धन के महत्व को जानना चाहिए और इसका संचय करना चाहिए!