भोपाल : चुनावी बेला में मध्य प्रदेश कांग्रेस ने किसानों को लुभाने के लिए अपना ट्रम्प कार्ड खेल दिया है। कांग्रेस ने घोषणा की है कि यदि उसकी सरकार बनी तो वह किसानों की कर्जमाफी योजना को आगे बढ़ाएगी। पांच हॉर्स पॉवर तक के पम्प के लिए बिजली भी मुफ्त देगी। इसका लाभ प्रदेश के 37 लाख किसानों को मिलेगा। बकाया बिजली बिल माफ होंगे। किसानों को 12 घंटे पर्याप्त और निर्बाध बिजली दी जाएगी। साथ ही किसानों के आंदोलनों के दौरान उनके खिलाफ जो प्रकरण दर्ज हुए थे, उन्हें वापस लिया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इस पेशकश को कृषक न्याय योजना का नाम दिया है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि कृषि की लागत बढ़ रही है और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में किसानों को राहत देने के लिए कांग्रेस पार्टी कृषक न्याय योजना को लागू करने के लिए वचनबद्ध है। योजना के पहले चरण में कर्ज माफी की गारंटी दी है। दूसरे चरण में किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए पांच हॉर्स पावर तक के पंपो के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध करायेंगे। कमलनाथ ने कहा कि हम किसानों के दर्द को समझते हैं, बिजली की कमी, खराब ट्रांसफार्मर्स को बदलने, बिजली चोरी के झूठे आरोप और दमन के खिलाफ आवाज उठाने वाले किसानों के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामलों को भी वापिस लेंगे। मप्र विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस वचनपत्र समिति के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के हित के लिए विभिन्न घोषणाएं अपने वचन पत्र में शामिल करेगी। किसान न्याय योजना की घोषणा उसका पहला चरण है।
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश का किसान और आम लोग महंगे बिजली बिल की वसूली और भारी बिजली कटौती से त्रस्त है। प्रदेश के गांवों में 10-10 घंटे अघोषित बिजली कटौती हो रही है। शिवराज जी ने मध्य प्रदेश को अंधकार युग में धकेल दिया है। जो शिवराज विपक्ष में रहकर कहते थे कि बिजली के बिल मत चुकाना, मामा है ना और कहते थे कि इन्वर्टर मत खरीदना, आज उन्हीं मामा जी ने मध्य प्रदेश को इनवर्टर की जगह जनरेटर युग में धकेल दिया है। गांव में बिजली आती नहीं है, गिरती जरूर है। मामा की बिजली किसानों के ऊपर गिर रही है, लेकिन किसानों की मोटर नहीं चल रही है।
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार ने किसानों को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जब खाद की आवश्यकता होती है तो किसान को खाद नहीं मिलती। जब बीज की जरूरत होती है तो बीज नहीं मिलता। जब फसल पककर तैयार होती है तो उसे बेचने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलता। समर्थन मूल्य बढ़ाने का शिवराज सरकार कोई प्रयास नहीं करती और मौन धारण करके बैठ जाती है।
कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रीवा में झूठी घोषणा कर दी कि मध्य प्रदेश में किसानों की आमदनी दोगुनी से अधिक हो गई है। सच्चाई यह है कि मध्य प्रदेश में किसानों की आमदनी पहले से और कम हुई है। मोदी सरकार की संसदीय समिति ने दिसंबर 2022 में यह बताया है कि मध्य प्रदेश देश के उन चार राज्यों में शामिल है जिसके किसानों की आमदनी घट गई है। 2015-16 में जो आमदनी 9740 रुपये प्रति माह थी, वह घटकर 8339 रुपये प्रति माह रह गई है। देश के सभी बड़े राज्यों में आमदनी के मामले में मध्य प्रदेश के किसान बहुत नीचे हैं।
कमलनाथ ने आरोप लगााय कि शिवराज सरकार ने हमेशा किसान विरोधी रुख अपनाया है। मध्य प्रदेश में भाजपा राज में 20 हजार 489 किसानों ने आत्महत्या की है। एक तरफ शिवराज सरकार किसान सम्मान निधि की बात करती है तो दूसरी तरफ प्रदेश के लाखों किसानों को जान-बूझकर अपात्र घोषित कर, उन्हें रिकवरी के नोटिस दिए गए हैं। किसानों को फसल बीमा की राशि समय पर नहीं मिल रही है। शिवराज सरकार ने 2017 में मंदसौर में किसानों पर गोली चलाई थी। आज तक मंदसौर गोलीकांड की जांच रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर नहीं रखी है। कमलनाथ ने दावा लगाया कि कांग्रेस सरकार ने किसानों की कर्ज माफी शुरू की थी और पहले चरण में 27 लाख किसानों का कर्ज माफ कर दिया गया था। प्रदेश में सौदेबाजी से बनी भाजपा सरकार ने किसान कर्ज माफी समाप्त कर दी। किसानों को एक बार फिर से कर्ज के दलदल में धकेल दिया। नतीजा यह हुआ कि प्रदेश के 38 लाख किसान डिफॉल्टर हो गए।