बिना स्टेरॉयड ऐसे कार्तिक आर्यन ने बनाई बॉडी, ऐसा था वर्कआउट और डाइट प्‍लान

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मुंबई : कार्तिक आर्यन जल्द ही फिल्म चंदू चैंपियन में नजर आने वाले हैं। इस फिल्म का पोस्टर हाल ही में रिलीज किया गया। जिसमें कार्तिक आर्यन का गजब का बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन नजर आया। पोस्टर में उनके सिक्स पैक एब्स और मसल्स फैन्स को एक्साइटेड कर रहे हैं। उनके इस बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन को देखकर हर कोई उनका सीक्रेट जानना चाहता है।

कार्तिक आर्यन के बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन को देखकर फैन्स इसलिए भी इंप्रेस हैं, क्योंकि उन्होंने इसके लिए किसी तरह के स्टेरॉयड का इस्तेमाल नहीं किया और नेचुरल तरीके से अपनी बॉडी बिल्डअप की। बहुत अधिक बिजी शेड्यूल में रहते हुए नेचुरल तरीके से इतनी गजब का बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन करना आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने ये कर दिखाया। अपनी बॉडी को मनचाही शेप देने के लिए ना केवल उन्होंने डाइट पर कंट्रोल किया, बल्कि वर्कआउट में भी बदलाव किया। तो चलिए आज इस लेख में हम आपके साथ कार्तिक आर्यन के बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन का सीक्रेट शेयर कर रहे हैं-

चंदू चैंपियन के पोस्टर में कार्तिक आर्यन के एब्स ही नहीं, बल्कि उनकी बॉडी मसल्स भी साफतौर पर नजर आ रही हैं। इसके लिए वे वर्कआउट को लेकर बहुत अधिक डेडीकेटिड रहे। कार्तिक आर्यन के फिटनेस ट्रेनर त्रिदेव पाण्डेय ने एक इंटरव्यू में बताया कि कार्तिक अपने वर्कआउट को लेकर काफी सीरियस रहते हैं। जिम जाना उनके डेली रूटीन का हिस्सा है, लेकिन जब से उन्होंने फिल्म साइन की तो वह अपनी बॉडी को ट्रांसफॉर्म करने में लग गए। उन्होंने पूरे डेडीकेशन के साथ अपना वर्कआउट रूटीन फॉलो किया।

आमतौर पर, लोग मनचाही बॉडी पाने के लिए पाउडर या स्टेरॉयड की मदद लेते हैं। लेकिन कार्तिक आर्यन ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने नेचुरल तरीके से अपनी बॉडी बनाई। फिटनेस ट्रेनर त्रिदेव पाण्डेय ने बताया कि 39 %से 7% फैट परसेंटेज पर पहुंचना कोई आसान काम नहीं था। लेकिन फिर भी कार्तिक आर्यन ने कड़ी मेहनत और अनुशासन से इसे संभव करके दिखाया।

कार्तिक आर्यन की तरह नेचुरली इतनी बेमिसाल बॉडी पाना बहुत अधिक कठिन है। लेकिन उन्होंने लगातार इसके लिए कड़ी मेहनत की। चूंकि उन्हें दिन में 10-12 घंटे शूटिंग भी करनी पड़ती थी, तो वे पूरी नींद नहीं ले पाते हैं। ऐसे में कम नींद के साथ ये करना और भी मुश्किल था। अपनी बॉडी को ट्रांसफॉर्म करने के लिए कार्तिक आर्यन ने करीबन दो साल तक मीठे से दूरी बनाई। इतना ही नहीं, उन्होंने बेहद ही स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो की। चूंकि वे नेचुरल तरीके से बॉडी ट्रांसफॉर्म करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने अपने खानपान को लेकर किसी तरह की कोताही नहीं बरती। जिसके परिणामस्वरूप वे अपनी बॉडी को मनचाही शेप देने में कामयाब रहे।

चंदू चैंपियन फिल्म वास्तव में भारतीय सैनिक मुरलीकांत पेटकर की बायोपिक है। मुरलीकांत पेटकर को उनके दोस्त प्यार से चंदू चैंपियन कहकर बुलाते हैं। वे साल 1965 में पाकिस्तान से हुए युद्ध के दौरान घायल हो गए थे और जीवनभर के लिए दिव्यांग हो गए। लेकिन इसके बाद भी वे जिन्दगी से निराश नहीं हुए और तैराकी सहित कई खेल खेलने शुरू कर दिए। उन्होंने साल 1972 समर में पैरालंपिक्स में तैराकी में गोल्ड मेडल जीता। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय बने। उन्हें साल 2018 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

 

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