नई दिल्ली: इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी की ओर से कश्मीर पर की गई विवादित टिप्पणी पर मानवाधिकार परिषद के एक सत्र में भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने साफ शब्दों में कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्र भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और रहेगा। जेनेवा में मानवाधिकार परिषद के 52 वें सत्र में जवाब देते हुए भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव सीमा पूजानी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पर ओआईसी के अनुचित संदर्भों वाली टिप्पणी को हम खारिज करते हैं।
सीमा पूजानी ने कहा कि सच्चाई यह है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्र भारत का हिस्सा था, है और रहेगा। पाकिस्तान भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रहा है। मानवाधिकार परिषद के सत्र में पूजानी ने कहा कि ओआईसी अपने सदस्य देश पाकिस्तान को आतंकवाद को छोड़ने और भारतीय क्षेत्र से अपना अवैध कब्जा हटाने के बजाय उसके दुर्भावनापूर्ण प्रचार में शामिल है। उन्होंने कहा कि ओआईसी पाकिस्तान का प्यादा बन चुका है और उसे भारत के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण प्रचार और अपने नापाक एजेंडे को पूरा करने के लिए अपना मंच सौंप दिया है।
बता दें कि इससे पहले दिसंबर 2022 में भी ओआईसी की भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। विदेश मंत्रालय ने ओआईसी को नसीहत देते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और इसमें किसी भी अन्य देश के हस्तक्षेप को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।