नयी दिल्ली, दिवंगत हुर्रियत नेता सैयद अली शाह (Altaf Ahmed Shah) गिलानी के दामाद एवं कश्मीरी अलगाववादी नेता अल्ताफ अहमद शाह (Altaf Ahmed Shah) की मंगलवार तड़के यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कैंसर से मौत हो गई। शाह की उम्र 66 वर्ष थी। उसे कुछ दिन पहले ही दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद तिहाड़ जेल से एम्स में भर्ती कराया गया था। अल्ताफ की बेटी रुवा शाह ने कहा, ‘‘हमें अब्बू के कल रात गुजर जाने की खबर दी गई है।”
रुवा ने ट्वीट किया कि शाह ने ‘‘एक कैदी के रूप में” एम्स में अंतिम सांस ली। शाह को छह अन्य लोगों के साथ आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में 2017 में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शाह को कैंसर के उचित इलाज के लिए एम्स दिल्ली में स्थानांतरित करने का पांच अक्टूबर को आदेश दिया था।
शाह ने अदालत को बताया था कि वह राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) में कुछ गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहा था, लेकिन हाल में पता चला कि वह गुर्दे के कैंसर से पीड़ित है। उसने दावा किया था कि आरएमएल में गुर्दे के कैंसर के इलाज के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं है। शाह ने अदालत से आग्रह किया था कि उसे इलाज के लिए तत्काल एम्स या अपोलो अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। शाह के परिवार में पत्नी, एक बेटा और दो बेटियां हैं।