अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनावों (Gujarat Assembly Election) में नेताओं ने अपनी ताकत झोंकना शुरू कर दिया है। पार्टियां (Parties) अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए ऐड़ी चोटी अपनानी शुरू कर दी है। आपको बता दें कि 1 और 5 दिसंबर को गुजरात (gujarat ) में दो चरणों में मतदान होगा और 8 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के साथ परिणाम (Result) सुनाये जाएंगे। अब यह देखना भी जरूरी है कि आज की तारीख में कौन सा राजनीतिक दल गुजरात में कहां खड़ा है, लेकिन इस बार इतना तो तय है कि गुजरात में भाजपा और कांग्रेस के बीच आम आदमी पार्टी के कूंदने से मुकाबला त्रिकोणीय जरूर हो गया है। यही कारण है कि चुनाव में चुनाव प्रचार जोरों पर चल रहा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए पिछले एक साल से कड़ी मेहनत की है। यही कारण है कि केजरीवाल दिल्ली पंजाब के बाद गुजरात में भी झाड़ू चलाना चाहते हैं। सीएम केजरीवाल ने मुफ्त बिजली, अच्छे स्कूल, अस्पताल, बेरोजगारी भत्ते और महिलाओं को नकदी जैसे वादों के जरिए ‘आप’ ने राज्य में हलचल जरूर पैदा कर दी है। पार्टी ने जातिगत समीकरण का भी पूरा ध्यान रखा है और ओबीसी, ट्राईबल और पाटीदार समुदाय को अपने पाले में लाने की कोशिश की है।
मीडिया खबरों की माने तो ओटीपी कहे जाने वाले ओबीसी, आदिवासी और पाटीदार समाज की गुजरात में बड़ी आबादी और तीनों यदि एक साथ किसी दल के साथ हो जाएं तो जीत की राह आसान कर सकते हैं। एक सर्वे में यह बात सामने आई कि गुजरात में किस समुदाय के कितने लोग किस पार्टी का साथ दे सकते हैं। सर्वे ने ओबीसी, ट्राईबल और पाटीदार समुदाय का मूड भांपने की कोशिश की है।ओपिनियन पोल के मुताबिक, सौराष्ट्र में अहम भूमिका निभाने वाले पिछड़ा वर्ग के वोटर्स से जब उनकी राय ली गई है तो 52 फीसदी ने भाजपा को वोट देने की बात कही। 40 फीसदी पिछड़ा वोटर्स कांग्रेस की सरकार चाहते हैं तो 5 फीसदी ने आम आदमी पार्टी को अपनी पसंद बताया। 3 फीसदी पिछड़ा वोटर्स अन्य का साथ दे सकते हैं।
इसी साल आदिवासी समाज की महिला को राष्ट्रपति बनाने वाली भाजपा को रिटर्न गिफ्ट मिल सकता है। ओपिनियन पोल के मुताबिक, भाजपा को 49 फीसदी आदिवासी वोट मिल सकते हैं। कांग्रेस को 41 फीसदी आदिवासी वोटर्स का साथ मिलने का अनुमान है। हालांकि, आदिवासी समाज से कई वादे करने वाली आम आदमी पार्टी को समाज के महज 3 फीसदी लोगों से वोट मिलने की भविष्यवाणी की गई है। अन्य के खाते में 7 फीसदी आदिवासी वोट जा सकते हैं। गौरतलब है कि राज्य में इस बार भाजपा और कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी तेजी से पैर पसार रही है। ऐसे में 27 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा को त्रिकोणीय संघर्ष से जूझना है।
खबरें हैं कि ‘भारत जोड़ो’ यात्रा में व्यस्त कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी गुजरात में प्रचार के लिए पहुंच सकते हैं। खास बात है कि उनका नाम हिमाचल प्रदेश के स्टार प्रचारकों की सूची में भी शामिल था, लेकिन वह अभियान में शामिल नहीं हुए थे। 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा के लिए दो चरण में मतदान होगा। भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी कार्यक्रम के मुताबिक, पहले चरण का मतदान 1 दिसंबर को होगा, जबकि, 5 दिसंबर को दूसरे चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। 8 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश और गुजरात चुनाव के लिए मतगणना साथ होगी। फिलहाल, दोनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है।