कोच्ची: मलप्पुरम में हुए हाउसबोट हादसे पर केरल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इस हादसे को ‘भूलने नहीं दिया जाएगा।’ बता दें कि, रविवार (7 मई) को नाव पलटने के कारण 22 लोगों की जान चली गई थी। इस दुखद हादसे में जान गंवाने वालों में 15 बच्चे भी शामिल हैं। अदालत ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई आरम्भ की है। कोर्ट ने इस हादसे के लिए ऑपरेटर को ही बड़ा जिम्मेदार ठहराया है। घटना के बाद बोट के मालिक के खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या) के तहत केस दर्ज किया गया है।
अदालत ने कहा कि, ‘यह पहली दफा नहीं है। जब भी इस प्रकार की घटनाएं होती हैं, कुछ जांच होती हैं या सिफारिशें होती हैं। बाद में सब भुला दिया जाता है। यह फिर हो रहा है, लोग मरते हैं। ऑपरेटर के अलावा कोई भी जिम्मेदार नहीं है।’ न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन के नेतृत्व वाली डिविजन बेंच ने इलाके के पोर्ट इंचार्ज ऑफिसर की जानकारी मांगी है। साथ ही केरल हाई कोर्ट ने इस प्रकार की घटनाओं को लेकर जम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एक्शन नहीं लेने को लेकर राज्य सरकार को भी लताड़ लगाई है।
कोर्ट ने कहा कि, ‘जांच का प्रभारी कौन है? हमें जानकारी नहीं है। हमें जांच आरम्भ करने का प्रस्ताव है।’ सुनवाई के दौरान अदालत ने इससे पहले हुई घटनाओं पर भी कार्रवाई नहीं होने पर दुख प्रकट किया। न्यायालय ने कहा कि, ‘कोई आपराधिक केस दर्ज कर लिया जाता है। यह इस घटना में भी किया गया है। मगर, कोई भी ऑपरेटर यह अपनी बल पर नहीं कर सकता। यह सब मिल रहे समर्थन, जानबूझकर या और किसी कारण हो रहा है। हम समस्या की जड़ तक जाना होगा।’