तिरुवनंतपुरम : केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक बार फिर से आरएसएस पर बड़ा हमला बोला है। विजयन ने संघ परिवार को मुसलमानों और ईसाइयों का सबसे बड़ा दुश्मन करार दिया है। उन्होंने इस तरह के विभाजनकारी कार्यों के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया है। विजयन के इस आरोप के बाद भाजपा ने इसकी तीखी आलोचना की है। विजयन ने कहा कि संविधान, जो जातिगत भेदभाव और धार्मिक घृणा के खिलाफ लड़ने का सबसे अच्छा हथियार था, वर्तमान में हमले का शिकार हो रहा है। केरल के सीएम ने यह भी आरोप लगाया कि संविधान पर हमलों के अलावा इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश भी की गई।
सीएम ने आरोप लगाया कि संघ परिवार और आरएसएस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका उद्देश्य भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ में बदलना है। उन्होंने केंद्र में सत्ताधारी पार्टी पर एक ऐसे राजनीतिक समूह के अनुयायी होने का भी आरोप लगाया जिसने स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया। गुरुवार को यहां संविधान संरक्षण सम्मेलन और धर्मनिरपेक्ष सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद बोलते हुए उन्होंने कहा कि वे हमारे देश, उसके लोकतंत्र और संविधान की जड़ों पर हमला कर रहे हैं। अपने भाषण में, विजयन ने कहा कि अगर संविधान को नष्ट कर दिया गया, तो एक व्यक्ति की गरिमा से लेकर देश की संप्रभुता तक सब कुछ खो जाएगा।
केरल के सीएम ने कहा कि आरएसएस महात्मा गांधी की हत्या को ‘मौत’ के रूप में वर्णित करता है और कुछ हलकों से यह दावा कि बी आर अंबेडकर संविधान के मसौदाकारों में से नहीं थे। इसके अलावा, देश के कुछ हिस्सों में मुसलमानों को हिंदू के विपरीत कहा जा रहा है। विजयन ने दावा किया कि न केवल धार्मिक अल्पसंख्यक, बल्कि दलित और आदिवासी भी खतरे में हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में उन पर हमला किया जा रहा है और उनका शोषण किया जा रहा है।
वहीं केरल के मुख्यमंत्री विजयन के आरोप पर भाजपा ने भी पलटवार किया है। भाजपा ने कहा है कि मुख्यमंत्री को संविधान पर एक भी शब्द बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि विजयन संविधान को कोई महत्व नहीं देते हैं और चरमपंथी और आतंकवादी समूहों को संरक्षण देने का काम कर रहे हैं।