घर में नेम प्लेट लगाने से पहले जान लें वास्तु के 5 नियम

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उज्जैन : वास्तु शास्त्र में ऐसी बहुत सी बातों का उल्लेख मिलता है जिनको अपनाकर जीवन में समृद्धि और खुशहाली लाई जा सकती है. यहां पर लगाई गई सभी प्रकार की वस्तुओं का नकारात्मक एवं सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. आप अपने घर के मुख्य द्वार की सजावट किस तरह से करते हैं और वहां पर किस प्रकार के रंगों का प्रयोग करते हैं. इससे घर का अच्छा व बुरा तय होता है.

नेम प्लेट घर या ऑफिस के प्रवेश द्वार के पास ऊंचे स्थान पर लगानी चाहिए. दरवाजे के ऊपरी भाग या दीवार के कोने के पास नेम प्लेट लगानी चाहिए. नेम प्लेट को हमेशा नॉर्थ और ईस्ट दिशा में स्थापित करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.

घर के बाहर लगी नेम प्लेट की लगातार सफाई होनी चाहिए. इस पर धूल मिट्टी या मकड़ी के जाले नहीं लगने देने चाहिए. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और दुर्भाग्य की प्राप्ति होती है. वास्तु के अनुसार, नेम प्लेट हमेशा वृत्ताकार, त्रिकोण और विषम आकृति की बनवाना चाहिए. इसे घर के लिए अच्छा माना जाता है. नेम प्लेट में कभी भी छेद नहीं करना चाहिए, इससे घर में नकारात्मकता ऊर्जा आने लगती है.

रंग भी बहुत मायने रखता है. नेम प्लेट का रंग घर के मुखिया की राशि के अनुसार ही होना चाहिए. आप चाहें तो नेम प्लेट पर पानी और भगवान गणेश की आकृति बना सकते हैं या फिर स्वास्तिक का चिन्ह भी बनवा सकते हैं. इससे परिवार में खुशी का आगमन होता है.

यदि आपके घर में लगी हुई नेमप्लेट टूट गई है या फिर उसकी पॉलिश उतर गई है, तो इसे तुरंत बदल देना ही उचित होगा. आप चाहें तो नेम प्लेट के ऊपर रोशनी के लिए एक छोटा सा बल्ब लगा सकते हैं. सदैव इस बात का ध्यान रखें कि नेम प्लेट के पीछे मकड़ी छिपकली या चिड़िया का वास नहीं होना चाहिए और यह सदैव साफ-सुथरी होनी चाहिए.

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