जानें हिंदू पंचाग के आखिरी महीने फाल्गुन में पूजा-दान का महत्व

0 167

नई दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास 12वां माह माना जाता है. वहीं अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार फरवरी और मार्च माह में फाल्गुन मास पड़ता है. हिंदू धर्म में फाल्गुन मास का विशेष महत्व है. क्योंकि इस मास में भगवान शिव का विशेष दिन महाशिवरात्रि और रंगों का पर्व होली भी पड़ता है. बता दें कि इस मास की शुरुआत 6 फरवरी 2023, सोमवार से हो रही है और समाप्ति 7 मार्च 2023, मंगलवार को हो रही है. जानिए फाल्गुन मास का आध्यात्मिक महत्व.

इसलिए कहा जाता है फाल्गुन मास
फाल्गुन मास की पूर्णिमा को चंद्रमा फाल्गुनी नक्षत्र में रहता है, इसलिए इस मास को फाल्गुन मास कहा जाता है. फाल्गुन मास में धीरे-धीरे गर्मियां शुरू हो जाती हैं और सर्दी कम होने लगती है. सौर धार्मिक कैलेंडर में, फाल्गुन का महीना सूर्य के मीन राशि में प्रवेश के साथ शुरू होता है. हिंदू धर्म में मास का परिवर्तन चंद्र चक्र पर निर्भर करता है, चन्द्रमा जिस नक्षत्र में स्थित होता है, उसी नक्षत्र के आधार पर उस मास का नाम रखा जाता है.

ये रहे फाल्गुन मास के प्रमुख त्योहार
17 फरवरी 2023
शुक्रवार-विजया एकादशी

18 फरवरी 2023
शनिवार- महाशिवरात्रि, मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, शनि त्रयोदशी

20 फरवरी 2023
सोमवार- फाल्गुन अमावस्या, सोमवती अमावस्या

21 फरवरी 2023
मंगलवार- फुलेरा दूज

3 मार्च 2023
शुक्रवार-आमलकी एकादशी

7 मार्च 2023
मंगलवार- होलिका दहन

8 मार्च 2023
बुधवार- होली

6 फरवरी से फाल्गुन महीना
साल 2023 में फाल्गुन महीने की शुरुआत 6 फरवरी 2023, सोमवार से हो रही है.यह माह 7 मार्च 2023, मंगलवार को समाप्त हो रहा है.

इन देवी-देवताओं की होती है पूजा
फाल्गुन मास में भगवान शंकर के अलावा माता सीता, श्री कृष्ण, मां लक्ष्मी की पूजा करने से भी शुभ फल मिलता है. धार्मिक मान्यता है इस इस सभी देवी देवताओं की आराधना करने से हर दुख से छुटकारा मिल जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रदेव का जन्म फाल्गुन माह में ही हुआ था इसलिए चंद्र देव की भी इसी माह में पूजा की जाती है. फाल्गुन मास में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है. इस दौरान श्रीकृष्ण के 3 रूपों- बाल कृष्ण, युवा कृष्ण और गुरु कृष्ण की पूजा की जाती है.

फाल्गुन मास का महत्व

फाल्गुन मास का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है, इस महीने में होली, विजय एकादशी, फुलेरा दूज, महाशिवरात्रि और भी अन्य पर्व मनाए जाते हैं. इस मास में भगवान शिव और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

करें दान, पुण्य और तर्पण करना लाभकारी
इस मास में दान, पुण्य और तर्पण करना लाभकारी माना गया है. गरीब और जरूरतमंद लोगों को अपनी योग्यता के अनुसार दान करना फलदायी होता है. इससे पुण्य मिलता है. इसके अलावा दान -पुण्य करने से पितरों को आत्मिक शांति मिलती है.

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.