दुनियाभर में ईसाई समुदाय 25 दिसंबर को क्रिसमस का पर्व मनाता है। इसकी तैयारियां तेज हो गई हैं। ईसाई समुदाय प्रभु यीशु के जन्मदिन के उपलक्ष्य में यह त्योहार मनाता है और प्रार्थना समेत तमाम आयोजन करता है। इस दिन लोग एक दूसरे को शुभकामना देते हैं, लेकिन इसके तरीके में थोड़ा फर्क है।
आपने दिवाली पर हैप्पी दिवाली, दशहरा पर हैप्पी दशहरा, हैप्पी न्यू ईयर, इसी तरह अन्य त्योहारों पर हैप्पी जोड़कर शुभकामना देने की परंपरा देखी-सुनी होगी, लेकिन क्रिसमस पर हैप्पी क्रिसमस की जगह Merry Christmas बोलकर शुभकामना दिया होगा। ऐसे में आपके दिमाग में यह खयाल आ सकता है कि ऐसा क्यों, तो हम आपके ढूंढ़कर लाए हैं इसका जवाब।
मैरी का अर्थः माना जाता है कि मैरी शब्द 16वीं सदी में अस्तित्व में आया। इस समय अंग्रेजी विकास कर रही थी। 18वीं और 19वीं सदी तक प्रचलन बढ़ गया। मैरी जर्मन और ओल्ड इंग्लिश के शब्द से मिलकर बना है। इसका अर्थ है आनंदित या खुशी। इसका अर्थ हुआ हैप्पी या मैरी दोनों का एक ही अर्थ है, फिर यहां हैप्पी की जगह मैरी बोलने का किस्सा क्या है।
दरअसल, फेमस साहित्यकार चार्ल्स डिकेंस ने अ क्रिसमस कैरोल नाम की किताब लिखी थी। इसमें उन्होंने सबसे ज्याद मैरी शब्द का इस्तेमाल किया था। इसके बाद हैप्पी की जगह मैरी शब्द ही प्रचलन में आ गया, जबकि इससे पहले लोग हैप्पी क्रिसमस ही बोला करते थे। इंग्लैंड में भी कई लोग मैरी क्रिसमस ही बोलकर शुभकामना संदेश देते हैं।
यह भी मतः वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि हैप्पी शब्द हैप से मिलकर बना है, इसका अर्थ है सौभाग्य लाने वाला मौका। हैप्पी व्यवहार से जुड़ा है, यह रॉयल्टी से भी जुड़ा माना जाता है और मैरी भावना से, जिसमें जिंदादिली के साथ प्रसन्नता और आनंद का भाव छिपा है। इस शब्द का इस्तेमाल आम लोग करते हैं और अधिक प्रचलन में है।