नई दिल्ली: सनातन धर्म में सावन के महीने को बहुत ही पवित्र माना गया है और यह महीना भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना और साधना के लिए समर्पित है। सावन के महीने में पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में जो भी शिव भक्त भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा- अर्चाना करता है उसके जीवन में हमेशा ही सुख और समृद्धि आती है। सावन के महीने में शिवलिंग के जलाभिषेक का विशेष महत्व होता है। इस दौरान मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है और भक्त मंदिरों में जाकर भगवान शिव को उनकी प्रिय चीजें अर्पित करते हैं। साथ ही, सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ महादेव का व्रत करते हैं। सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना होता है।
श्रावण मास बारिश और हरियाली का समय होता है जो अति मनमोहक समय होता है। श्रावण मास का प्रत्येक दिन बेहद फलदायी है लेकिन उससे भी ज्यादा श्रावण मास में पड़ने वाले सोमवार के दिन विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति सावन के सोमवार का व्रत करता है उसके वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है साथ ही, उस व्यक्ति को जीवन में सुख समृद्धि की कमी भी नहीं रहती है। सावन के दिनों में भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है और साथ ही भगवान शिव पर धतूरा, बेलपत्र, चंदन, शहद आदि चढ़ाया जाता है। कहा जाता है कि सावन के महीने में की गई पूजा से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। यही नहीं सावन के सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही व्यक्ति का स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहता है।
श्रवण मास में सोमवार का महत्वपूर्ण होने का कारण है कि श्रवण मास में हर सोमवार को भगवान शिव का विशेष पूजन किया जाता है और इसे “श्रावण सोमवार” या “सावन सोमवार” के रूप में जाना जाता है। यह परंपरागत भारतीय धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है और धार्मिक दृष्टिकोन से विशेष महत्व रखता है।
इस मास के दौरान सोमवार को भगवान शिव का विशेष व्रत रखकर लोग उन्हें प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। सोमवार को भगवान शिव के दिन रखा गया है क्योंकि हिंदू परंपरा में शिव भगवान को सोमवार का दिन विशेष माना जाता है।
कुछ मुख्य कारण जिनके कारण सोमवार श्रवण मास में महत्वपूर्ण होता हैं, वे निम्नलिखित हैं:
सोमवार शिवरात्रि
श्रावण मास में, मास के पहले सोमवार को शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है। यह रात्रि भगवान शिव की विशेष पूजा एवं उपासना के लिए आराध्य होती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से विशेष मान्यता और महत्वपूर्ण फल प्राप्त होता है।
सोमवार का व्रत
श्रवण मास के प्रत्येक सोमवार को भक्त भगवान शिव के व्रत को करते हैं। यह व्रत उनके भक्ति में दृढ़ता और समर्पण को प्रकट करता है और भगवान की कृपा प्राप्ति के लिए संबंधित होता है।
पौराणिक कथाएं
भगवान शिव के विभिन्न पौराणिक कथाओं में उनके प्रिय दिन के रूप में सोमवार का उल्लेख होता है। इन कथाओं में सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा और उपासना के लिए विशेष महत्वपूर्ण होता है।
ग्रह शांति
हिंदू ज्योतिष में सोमवार को चंद्रमा के दिन के रूप में जाना जाता है और इस दिन चंद्रमा की शांति के लिए पूजा की जाती है। भगवान शिव को भी चंद्रमा का देवता माना जाता है और उनकी पूजा से चंद्रमा की दशा में सुधार होता है।
इसलिए, श्रवण मास में सोमवार का महत्वपूर्ण होना भगवान शिव की विशेष पूजा और उपासना के लिए उपलब्धि का विशेष दिन होने के कारण है। इस दिन भगवान शिव की भक्ति और आराधना करने से विशेष फल प्राप्त होता है और आपके जीवन में शांति, समृद्धि और खुशियां आती हैं।