सोनाक्षी सिन्हा पर तंज कसकर विवादों में घिरे कुमार विश्वास, सुप्रिया श्रीनेत बोली-‘सस्ती तालियां तो जरूर मिलेंगी लेकिन…

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नई दिल्लीः कुमार विश्वास अपनी कविताओं व वाकपटुता के लिए पहचाने जाते हैं। उनकी कविता को देशभर में काफी पसंद किया जाता है, लेकिन वह सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल पर की शादी पर टिप्पणी कर विवादों में घिर गए हैं। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें कुमार विश्वास मंच से यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि अपने बच्चों को रामायण पढ़ाइए गीता पढ़ाइए वरना ऐसा ना हो आपके घर का नाम तो रामायण हो लेकिन आपके घर की श्री लक्ष्मी कोई और उठा ले जाए।

उनके इस बयान पर अब कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कवि कुमार विश्वास पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जहीर इकबाल और सोनाक्षी सिन्हा की शीदी पर इसे घटिया तंज बताया है। इसके साथ दंपत्ति पर विवादित टिप्पणी के लिए मांफी मांगने को कहा है। मेरठ के एक महोत्सव में कुमार विश्वास अपनी कविता पढ़ने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बयान दिया अपने बच्चों को सीता जी की बहनों राम के भाइयों के नाम याद कराइए एक संकेत दे रहा हूं, जो समझ जाए उनकी तालियां उठे। वह आगे कहते हैं…पूरा बयान वीडियो में सुनिये।

कुमार विश्वास की मंच से की गई यह टिप्पणी कांग्रेस नेत्री को बेहद नागवर गुजरी। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लंबी चौड़ी पोस्ट लिखकर कुमार विश्वास को आईना दिखाया। इसके साथ उनकी तीखी अलोचना की। श्रीनेत ने लिखा “अगर आपके अपने घर में एक बेटी हो तो क्या आप किसी और की बेटी पर भद्दी टिप्पणी करके सस्ती तालियाँ बटोरेंगे? ऐसा करने पर आप किस हद तक गिरे हुए हैं, इसका तो अंदाज़ा लग ही गया है । कुमार विश्वास जी आपने सोनाक्षी सिन्हा के अंतरधार्मिक विवाह पर तो घटिया तंज किया ही पर आपने अपने अंदर महिलाओं के लिए जो असल सोच है उसे भी उजागर कर दिया। आपके शब्द ‘वरना आपके घर की श्रीलक्ष्मी को कोई और उठा कर ले जायेगा’। क्या लड़की कोई समान है जिसको कोई कहीं उठा कर ले जाएगा? कब तक आपके जैसे लोग एक औरत को पहले पिता और फिर पति की संपत्ति समझते रहेंगे? विवाह और दाम्पत्य की नींव बराबरी, आपसी विश्वास और आपसी प्रेम है। कोई किसी को कहीं उठा कर नहीं ले जाता और 2024 के भारत में आप अपनी मर्जी से शादी करने पर परवरिश पर सवाल उठा रहे हैं!?? क्या एक लड़की को यह हक नहीं कि जिससे उसकी मर्जी हो उससे वह विवाह करे? या कौन क्या खायेगा, क्या पहनेगा, किससे प्यार करेगा, कैसे विवाह करेगा इसका निर्णय भी धर्म के स्वयंभू ठेकेदार करेंगे?

वैसे परवरिश पर तो सवाल तब भी नहीं होना चाहिए जब आपके साथ वाले बाउंसर एक संभ्रांत डॉक्टर को पीट डालें – यह तो आपकी कमी है जो आपका स्टाफ आपके रहते हुए ऐसा करे आपके सर्टिफिकेट की ना तो शत्रुघ्न सिन्हा जी को ज़रूरत है ना उनकी कामयाब बेटी सोनाक्षी को, लेकिन अपने से 17 साल उम्र में छोटी लड़की पर आपकी टिप्पणी आपकी छोटी सोच को बेनक़ाब ज़रूर कर देती है, ना श्रीराम किसी की बपौती हैं, ना रामायण, ना उससे जुड़ा कोई नाम दूसरों के बच्चों को रामायण और गीता पढ़ने की सीख देने वाले कवि महोदय।

सोनाक्षी के पति के धर्म से नफ़रत करने में आप रामायण में परस्पर प्रेम पर कितना मधुर अंकित है वो भूल गए? सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीती।। आपने रामायण का अध्ययन वाक़ई में किया होता तो प्रेम ज़रूर समझते। आपके अंदर राम कथा वाचक बनने की लालसा तो बहुत है लेकिन प्रभु राम की शालीनता और मर्यादा का रत्ती भर गुण नहीं दो मिनट की सस्ती तालियाँ तो आपको ज़रूर मिलीं लेकिन आपका कद जमीन में और धंस गया। आपको गलती का एहसास करके एक पिता और उनकी बेटी दोनों से माफ़ी माँगनी चाहिए “

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