Lakhimpur Kheri violence: लखीमपुर खीरी मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ द्वारा जमानत दिए जाने के लगभग एक सप्ताह बाद मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया.
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मिश्रा, जो केंद्रीय राज्य मंत्री (गृह) अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे हैं, उन्हें 10 फरवरी को लखनऊ बेंच ने जमानत दे दी थी. हालांकि, उनकी रिहाई में देरी हुई क्योंकि मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश ने अनजाने में धारा 302 और 120 का उल्लेख करना छोड़ दिया. मूल क्रम में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के बी; 14 फरवरी को आदेश में दो धाराएं जोड़ी गईं, इस प्रकार उनके लिए जेल से बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त हुआ.
न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने राहत देते हुए कई टिप्पणियां की, जिनमें से एक यह थी कि ‘संभवतः, चालक ने खुद को बचाने के लिए वाहन को तेज करने की कोशिश की, जिसके कारण घटना हुई.’
आशीष मिश्रा पर पिछले साल 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसानों के एक समूह में अपनी एसयूवी चलाने और जानबूझकर अपनी एसयूवी चलाने का आरोप है(Lakhimpur Kheri violence). वाहन के टकराने से चार किसानों की मौत हो गई थी; जवाबी हिंसा में, राज्य की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं (जिसमें अजय मिश्रा ‘टेनी’ हैं) और केंद्रीय मंत्री के ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. एक स्थानीय पत्रकार भी मारा गया; उनके परिवार ने आरोप लगाया है कि काफिले में एक कार ने उन्हें कुचल दिया.
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ प्रदर्शन कर किसान लौट रहे थे.
रिपोर्ट – रुपाली सिंह