चिन्मय दास के समर्थकों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प में वकील की मौत, पत्रकार समेत 10 घायल, इस्कॉन ने भारत से मांगी मदद
ढाका: बांग्लादेश में मंगलवार को सुरक्षाकर्मियों और एक हिंदू नेता के अनुयायियों के बीच झड़प के दौरान एक वकील की मौत हो गई। स्थानीय मीडिया ने यह खबर दी है। हिंदू नेता को यहां की अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया था और उन्हें जेल भेज दिया था। ढाका ट्रिब्यून अखबार की खबर के मुताबिक पीड़ित वकील की पहचान 35 वर्षीय सहायक लोक अभियोजक तथा चटगांव जिला बार एसोसिएशन के सदस्य सैफुल इस्लाम के रूप में हुई है।
अखबार ने चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. निवेदिता घोष का हवाला से यह जानकारी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चटगांव की छठी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार प्रमुख हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को जमानत देने से इनकार करने के बाद भड़की झड़पों में छह अन्य लोग घायल हुए हैं। चटगांव वकील संघ के अध्यक्ष नाजिम उद्दीन चौधरी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने एक वकील को उसके चैंबर से खींच लिया और उसकी हत्या कर दी।
झड़प में पत्रकार समेत 10 लोग घायल
बता दें कि जब चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को पुलिस वैन में ले जाया जा रहा था, तो उन्होंने माइक के जरिए भीड़ को संबोधित करते हुए उनसे शांत रहने का आग्रह किया। वहीं, दोपहर तीन बजे के करीब कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज कर दिया। शहर पुलिस उपायुक्त लियाकत अली ने एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की, लेकिन कहा कि वे अभी भी कारण की जांच कर रहे हैं। डेली स्टार अखबार ने बताया कि झड़प के दौरान पत्रकारों सहित कम से कम 10 लोग घायल हो गए।
भारत सरकार ने जताई नाराजगी
बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास को बीते रोज गिरफ्तार किया गया था। उन पर देशद्रोह और सांप्रदायिक महौल बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है। उनकी गिरफ्तारी भारत सरकार ने नारजगी जाहिर की है। भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी से हम चिंतित हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन शांतिपूर्ण सभाओं के जरिए सही मांगें करने वाले धार्मिक नेता के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं।
इस्कॉन ने भारत से मांगी मदद
इस मामले में अब इस्कॉन ने भारत से दखल की अपील की है। चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी पर भारत के बयान जारी करने से पहले बांग्लादेश के इस्कॉन ने भारत से इस मामले में दखल देने की मांग की थी। उन्होंने भारत सरकार से अनुरोध किया कि वे बांग्लादेश सरकार से बात करके यह बताएं कि इस्कॉन का दुनिया में कहीं भी आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है।