नई दिल्ली : पांच दिवसीय पर्व दीपोत्सव के दौरान मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है। यह पर्व धन,वैभव, सुख,समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। इसलिए दिवाली से पहले घर की साफ-सफाई की जाती है और इन 5 दिनों में भी साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है। इस दौरान दीपक जलाने का भी खास महत्व है। इस साल 29 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जा रहा है। धनतेरस के दीपक जलाने की शुरुआत होती है। धनतेरस के पहले दिन 13 दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन यम दीपक जलाने की भी परंपरा है। मान्यता है कि यम दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। इसके साथ ही धनतेरस के दिन 4 जगहों पर दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है।
1. ईशान कोण : वास्तु के अनुसार, घर का ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा देवी-देवताओं का स्थान माना जाता है। दीपोत्सव पर्व के दौरान इस दिशा में साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। साथ ही यहां दीपक जरूर जलाना चाहिए। धनतेरस के दिन ईशान कोण में 5 दीपक जलाएं।
2. पूर्व की ओर : धनतेरस के दिन घर के पूर्व दिशा की साफ-सफाई करें और शाम को एक बड़े दीपक में तिल के तेल डालकर दीपक जलाएं।
3. उत्तर दिशा : पांच दिवसीय दिवाली पर्व के दौरान घर के उत्तर दिशा भी अच्छे से साफ होना चाहिए। इस दिशा में घी का दीपक जलाएं। मान्यता है कि इससे घर में मां लक्ष्मी का वास होता है।
4. ब्रह्म स्थान : घर के सबसे महत्वपूर्ण स्थान ब्रह्म स्थान होता है। यह घर के बीचों बीच का हिस्सा होता है। यह पर किसी भी तरह का कूड़ा-कबाड़ न एकत्रित होने दें। धनतेरस की शाम को ब्रह्म स्थान पर घी का दीपक जलाएं।