नई दिल्ली: दिल्ली के आबकारी विभाग में सालों चल रही गड़बडियों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने इनकी सभी नई पुरानी फाइलें ऑनलाइन करने का फैसला किया है. चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार और दिल्ली के एलजी ऑफिस के निर्देश के बाद दो एजेंसियों को इस काम पर लगा दिया गया है. अब तक तकरीबन 40 हजार फाइलों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है.
दिल्ली सरकार का कमाऊ आबकारी विभाग किसी न किसी कारण से सालों से विवाद में रहा है. कभी फाइलें गायब हो जाती है कभी रिकार्ड के साथ छेड़ छाड़ होती रही है. पिछले दिनों आबकारी विभाग में नई पॉलिसी को लेकर केजरीवाल सरकार और अधिकारियों के बीच में विवाद रहा है.
उसी बीच पॉलिसी को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद विभागीय जांच में कई फाइलों की गायब होने की बात चीफ सेक्रेटरी के सामने आई. उसके बाद नरेश कुमार ने इस विभाग के सभी फाइलों को ऑनलाइन अपलोड करने का आदेश दिया. तकरीबन चार महीने के मशक्कत के बाज अब दो एजेंसियों को इस काम पर लगाया जा रहा है.
सरकार के वरिष्ठ सूत्र बता रहे हैं कि तकरीबन 36 साल से भी पूरानी फाइलों को आन लाइन करना है इनक संख्या तकरीबन 40 हजार से अधिक है . जिसे स्कैन करके अपलोड किया जा रहा है.
आबकारी विभाग के सूत्रों के मुताबिक अगल अगल कार्यालय में ये फाइलें पड़ी हैं. सालों पुरानी फाइलों को संभालने में एजेंसियों को कई दर्जन कर्मयों को लगाने का परमिशन दिया गया है. जो इस काम को जल्दी पूरा करेंगे और हरेक दिन होने वाली बिक्री भी अपडेट रहेगी.
चीफ सेक्रेटरी और एलजी आफिस इस विभाग से काफी खुश नजर आ रहे हैं. क्योंकि इस वित्तीय वर्ष में आवकारी विभाग ने शराब से तकरीबन 6800 करोड़ से अधिक की कमाई की है. जो पिछले साल के आंकड़े से 300 करोड़ अधिक है.
दिल्ली में प्रतिदिन शराब पीने की बात करें तो दिल्ली वाले तकरीबन 17 लाख बोतलें पीते हैं. लेकिन शराब पालिसी की बात करें तो यहां की पॉलिसी अभी भी देश के दूसरे हिस्से बेहत कम्पलीकेटेड हैं. उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल कर्नाटक में शराब पीने की उम्र मात्र 21 साल है. जबकि सिक्किम, हिमाचल प्रदेश जैसे प्रदेश में तो सिर्फ 18 साल में शराब खरीद सकते हैं और पी सकते हैं युवक। लेकिन दिल्ली में शराब खरीदने और पीने की उम्र 25 साल है जिसकी वजह से गैरकानूनी तरीके से यूवा या तो पीते हैं या फिर नोएडा गुड़गांव पीने के लिए जाते हैं.