नई दिल्ली : भगवान शिव को समर्पित सावन का पावन महीना चल रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी महीने भगवान शिव को वर के रूप में पाने के लिए मां पार्वती ने घोर तपस्या की थी। भगवान शिव को ये महीना अति प्रिय माना जाता है। इसलिए इस सावन के पूरे महीने शिव जी और मां पार्वती की पूरी श्रद्धा के साथ उपासना करने से सभी कष्ट दूर हो सकते हैं। कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्हें शिवलिंग पर अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए अगर आप भी सावन के महीने में भोलेनाथ की कृपा दृष्टि अपने ऊपर बनाए रखना चाहते हैं तो आने वाले 26 दिनों तक शिवलिंग पर इन 6 में से कोई भी चीज अर्पित करें।
शमी का पत्ता
सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा के दौरान शमी के पत्ते का इस्तेमाल करें। मान्यता है कि शिवलिंग पर शमी का पता चढ़ाने से शनि के प्रकोप से बचने में मदद मिलती है। इसलिए अगर आपकी राशि कर्क, वृश्चिक, कुंभ, मकर या मीन में से कोई एक है तो आपको शिवलिंग पर शमी का पत्ता जरूर चढ़ाना चाहिए। इससे शनि साढ़ेसाती और ढैया का प्रभाव कम होगा।
बेलपत्र
बेलपत्र भगवान शिव को बेहद प्रिय है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, बेलपत्र का पेड़ माता पार्वती के पसीने की बूंद से उत्पन्न हुआ है। माना जाता है कि मंदार पर्वत पर पार्वती मां का पसीना गिरने से बेलपत्र का पेड़ उत्पन्न हुआ। इसलिए पूजा करते दौरान शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें।
काला तिल
शिवलिंग पर काला तिल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है। मान्यता है की शिवलिंग पर काला तिल चढ़ाने से शनि देव का बुरा प्रभाव कम हो जाता है। इसलिए शनि की साढ़े साती से परेशान जातकों को सावन के पूरे महीने शिवलिंग पर काला तिल चढ़ाना चाहिए।
हरे मूंग की दाल
सावन के महीने में शिव पूजा में आप हरी मूंग की दाल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपकी कोई मनोकामना है तो हरी मूंग के 108 दाने गिनकर और धोकर शिवलिंग पर अर्पित करें।
अक्षत
भगवान शिव की पूजा में अक्षत का इस्तेमाल किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर अक्षत चढ़ाने से धन-धान्य में वृद्धि होती है। अक्षत चढ़ाते समय ध्यान रखें कि चावल के दाने टूटे न हो।
कनेर का फूल
भगवान शिव को कनेर का फूल पसंद है। इसलिए भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन के पूरे महीने शिवलिंग पर कनेर का फूल चढ़ाएं।
गंगाजल
शिव जी मात्र जलाभिषेक से भी खुश हो सकते हैं। इसलिए अगर आपके पास कुछ भी नहीं है तो पानी में गंगाजल मिलकर भगवान शिव का पूरी श्रद्धा के साथ अभिषेक करें। शिवजी गंगाजल के अभिषेक से भी प्रसन्न हो सकते हैं।