Lucknow News: लखनऊ मॉडल पब्लिक इंटर कॉलेज में धूमधाम से मनाया गया शिक्षक दिवस

0 167

लखनऊ: “गुरु बिन ज्ञान नहीं, ज्ञान बिन सम्मान नहीं, गुरु से कोई महान नहीं, महान को अभिमान नहीं” अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने वाले गुरु को भगवान का दर्जा दिया जाता है। हमारे जीवन में गुरु का बड़ा महत्व है। भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह देश के पहले उपराष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिनका जन्म 05 सितंबर 1888 को हुआ था।

राजधानी लखनऊ के आम्रपाली योजना, दुबग्गा स्थित लखनऊ मॉडल पब्लिक इंटर कॉलेज में मंगलवार को बहुत ही भव्य रूप से शिक्षक दिवस समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तस्वीर पर विद्यालय के चेयरमैन एमपी कनौजिया, डायरेक्टर एसएस वर्मा, मैनेजर एसके सिंह, सीनियर प्रिंसिपल एपी कनौजिया, प्रिंसिपल हरिहर नगर ब्रांच उषा पंत, प्रिंसिपल आम्रपाली तृप्ति सिंह सहित सभी शिक्षक- शिक्षिकाओं ने माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि देकर श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस मौके पर चेयरमैन एमपी कनौजिया ने राधाकृष्णन को एक महान दार्शनिक, शिक्षाविद् वह राजनेता बताया। कहा कि इन्होंने अपने जन्म दिवस 5 सितंबर को शिक्षकों के नाम कर सभी शिक्षकों का मान- सम्मान बढ़ाया है।

कार्यक्रम की शुरुआत शिक्षकों के स्वागत सत्कार के साथ हुआ इसके बाद शिक्षकों को समर्पित गीत की प्रस्तुति दी गई। जहां एक हरिहर नगर ब्रांच के शिक्षक इत्तेफ़ाक अहमद ख़ां ने अपने गीत के माध्यम से लोगों को भाव विभोर किया वहीं, अक्ल बड़ी या भैंस के माध्यम से आशीष और सोमेंद्र ने लोगों को गुदगुदाया। शिक्षकों ने विभिन्न लोक गीतों, फिल्मी गीतों पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके अलावा नृत्य,नाटिका, प्रतियोगिता, भाषण सहित अन्य विधाओं में अलग-अलग कार्यक्रम की प्रस्तुति देकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

डायरेक्टर एसएस वर्मा ने कहा कि शिक्षक दिवस के बहाने गुरुओं का नमन करना एक अच्छा प्रयास है। शिक्षक के प्रति आदर्श का भाव हर विद्यार्थी में होना चाहिए। इससे वे अपने लक्ष्य की प्राप्ति आसानी से कर सकते हैं। गुरुओं के प्रति हमेशा आदर का भाव रखें और उनके बताए हुए मार्ग पर चलें, तभी हमारा जीवन सार्थक होगा। वहीं, मैनेजर एसके सिंह ने कहा कि बच्चों के उज्जवल भविष्य में एक शिक्षक का बड़ा योगदान होता है। शिक्षक को एक मिशन के तौर पर काम करना चाहिए, जिसका उद्देश्य मूल्यों पर आधारित शिक्षा होनी चाहिए। उन्हें बच्चों के स्तर एवं बौद्धिक क्षमता के अनुरूप तैयार करना होगा।

सीनियर प्रिंसिपल एपी कनौजिया ने कहा कि व्यक्ति की सफलता में गुरु का विशेष महत्व है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन इसके उदाहरण हैं। शिक्षक का पहला कर्तव्य बच्चों को एक नजर से देखना है। बिना भेदभाव के शिक्षा देना वाला ही सच्चा शिक्षक है। वहीं, प्रिंसिपल हरिहर नगर ब्रांच उषा पंत ने कहा कि शिक्षक उस सड़क की तरह होते हैं जो स्वयं तो उसी स्थान पर रहते हैं लेकिन विद्यार्थियों का जीवन संवार कर उन्हें आगे बढ़ा देते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक की महत्ता को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। शिक्षक तो उस दीपक के समान होते हैं जो स्वयं जलकर अपनी रोशनी से सबको प्रकाशित करते हैं। सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, महान शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे। उनका कहना था कि जहां कहीं से भी कुछ सीखने को मिले उसे अपने जीवन में उतार लेना चाहिए। वह पढ़ाने से ज्यादा छात्र-छात्राओं के बौद्धिक विकास पर जोर देने की बात करते थे। हम सभी के जीवन में सफलता के पीछे एक शिक्षक का हाथ होता है।

हरिहरनगर ब्रांच के ऑफिस इंचार्ज सुमन कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि माता-पिता के बाद एक शिक्षक ही होता है, जो हमेशा चाहता है कि उसका छात्र अपने जीवन में उससे भी ज़्यादा कामयाबी हासिल करे। शिक्षक ही सिखाते हैं कि कैसे हमें अपने जीवन में लक्ष्य तक पहुँचने के लिए कठिन परिश्रम करना है। शिक्षक ही हमें सही और गलत की पहचान करना सिखाते हैं। जब हम किसी मुश्किल में फंस जाते हैं, तो शिक्षक ही उस मुश्किल से बाहर निकलने में हमारी मदद करते हैं। शिक्षक और विद्यार्थी का रिश्ता ज्ञान से जुड़ा एक रिश्ता है, जिसमें सीखना और सिखाना निरंतर चलता ही रहता है।

इस अवसर पर काफी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अश्मिता श्रीवास्तव ने किया।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.