नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार शाम लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री (Prime Minister) पद की शपथ ले ली है। राष्ट्रपति भवन (President’s House) में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने अपनी नई कैबिनेट (New Cabinet) के साथ शपथ ली। मोदी 3.0 कई मायनों में मोदी 1.0 और मोदी 2.0 से अलग है। इस कैबिनेट में न सिर्फ बाकी दो कार्यकाल के मुकाबले मंत्रियों की संख्या ज्यादा है, बल्कि सहयोगी दलों के कई सांसदों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। पहली दो कैबिनेट की तरह इस मोदी 3.0 कैबिनेट में मध्यप्रदेश का दबदबा कायम है। जबकि छत्तीसगढ़ को मायूसी हाथ लगी है। प्रदेश से एकमात्र मंत्री बनाया गया है। बिलासपुर से सांसद तोखन साहू को मोदी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री बनाया गया है। साहू पहली बार ही लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बने हैं।
मोदी मंत्रिमंडल में मध्यप्रदेश से 5 चेहरों को जगह मिली है। इनमें 3 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री शामिल हैं। शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। जबकि दुर्गादास उईके और सावित्री ठाकुर ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली है। इसके अलावा मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद एल मुरुगन को भी राज्यमंत्री बनाया गया है। विदिशा से सांसद और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान केंद्र में पहली बार मंत्री बने हैं। वहीं गुना से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार दूसरी बार मोदी कैबिनेट के सदस्य बने हैं। सिंधिया जब कांग्रेस में थे। तब वे यूपीए-2 सरकार में मंत्री रहे चुके है। शिवराज छठवीं बार और सिंधिया पांचवीं बार सांसद बने हैं। शिवराज और सिंधिया ओबीसी वर्ग से आते हैं।
एससी वर्ग से आने वाले टीकमगढ़ से सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार लगातार तीसरी बार केंद्र में मंत्री बने हैं। उन्होंने भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ली है। डॉ. वीरेंद्र कुमार आठवीं बार के सांसद हैं। राज्यमंत्री दुर्गादास उईके एसटी वर्ग से आते हैं, वे बैतूल से दो बार के सांसद हैं। जबकि सावित्री ठाकुर एसटी वर्ग से हैं और धार से दो बार की सांसद हैं। दोनों पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं। वहीं, राज्यसभा सांसद मुरुगन को फिर से राज्यमंत्री बनाया गया है। मुरुगन एमपी से राज्यसभा सांसद है। वे मोदी 2.0 में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री के साथ सूचना प्रसारण मंत्री रह चुके हैं। मुरुगन मूलत: तमिलनाडु के रहने वाले है। वे तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। भाजपा ने दक्षिण में विस्तार के लिए चुने गए चेहरों में मुरुगन भी शामिल हैं। 47 वर्षीय मुरुगन ने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि प्रदेश की 29 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। इस लिहाज से 5 मंत्री बनाकर पूरे प्रदेश को कवर करने की कोशिश की गई है। जिन 5 सांसदों को मंत्री बनाया, उनमें शिवराज सिंह (मध्य भारत), ज्योतिरादित्य सिंधिया (ग्वालियर-चंबल), डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक (बुंदेलखंड), सावित्री ठाकुर (मालवा-निमाड़) और दुर्गादास उईके (नर्मदा पट्टी) के इलाके से आते हैं। जबकि मध्यप्रदेश से राज्यसभा जाने वाले एल मुरुगन को मंत्री बनाकर दक्षिण भारत में संदेश देने की कोशिश की है।
मोदी सरकार 1.0 में मध्यप्रदेश की विदिशा से सांसद रहीं दिवंगत भाजपा नेता सुषमा स्वराज, दिवंगत राज्यसभा सांसद अनिल माधव दवे, मंडला से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, टीकमगढ़ से वीरेंद्र खटीक, ग्वालियर से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर, दमोह से सांद प्रहलाद पटेल और राज्यसभा से सांसद थावरचंद गहलोत को मंत्रिमंडल में स्थान दिया था। जबकि इंदौर की सांसद सुमित्रा महाजन को लोकसभा स्पीकर बनाया गया था। मोदी सरकार-2 में प्रदेश से मुरैना से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर, मंडला से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, दमोह से सांसद प्रहलाद पटेल, टीकमगढ़ से सांसद वीरेंद्र खटीक, राज्यसभा सांसद धर्मेंद्र प्रधान, राज्यसभा सांसद थावरचंद गहलोत को स्थान दिया था।2021 में हुए विस्तार में थावरचंद गहलोत की जगह ज्योतिरादित्य सिंधिया को स्थान दिया गया था।
बिलासपुर लोकसभा सीट से भाजपा ने लोरमी के पूर्व विधायक तोखन साहू को अपना उम्मीदवार बनाया था। तोखन साहू ने इस सीट से एतिहासिक जीत दर्ज की है। चुनाव में तोखन साहू ने कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव को लगभग 1 लाख 64 हजार से भी अधिक वोटों के अंतर से हराया है। लोरमी के छोटे से गांव सूरजपुरा से 1994 में पंच पद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। तोखन साहू क्षेत्र में काफी लोकप्रिय जनप्रतिनिधि के तौर पर जाने जाते हैं। तोखन पंच से सरपंच, फिर जनपद सदस्य उसके बाद वर्ष 2013 में लोरमी विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए थे। वर्ष 2015 में विधायक रहते हुए उन्हें रमन सिंह के कार्यकाल में संसदीय सचिव का पद भी दिया गया था। वहीं, कुछ ही कुछ माह पहले तोखन साहू को छत्तीसगढ़ भाजपा के किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया है। वहीं,आठ बार विधायक चुने गए और प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटों से जीतकर सांसद बने बृजमोहन अग्रवाल, दूसरी बार सांसद चुने गए संतोष पांडेय और विजय बघेल जैसे नेताओं को निराशा हाथ लगी है। इन नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।