मजिस्ट्रेट ने 2 पुलिसकर्मियों को सुनाई घास काटने की सजा, 30 मिनट लेट पहुंचे थे कोर्ट

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परभणी : महाराष्ट्र के परभणी जिले से एक बहुत ही दिलचस्प खबर सामने आई है। यहां एक कोर्ट ने 2 पुलिसकर्मियों को सजा के तौर पर घास काटने का आदेश दिया है। अगर आप ये सोच रहे हैं कि ये पुलिस वाले किसी केस में आरोपी या दोषी थे, तो ऐसा बिल्कुल नहीं हैं। कोर्ट ने इन पुलिस वालों को लेट आने के लिए ये सजा सुनाई है। कोर्ट ने जिन पुलिस वालों को घास काटने की सजा सुनाई है, वो मानवत पुलिस स्टेशन में कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात है। पुलिस वालों इस तरह की सजा देने वाले जज परभणी के हॉलिडे कोर्ट के मैजिस्ट्रेट है।

जानकारी के अनुसार, दोनों पुलिसवालें कोर्ट द्वारा दिये गए समय से 30 मिनट लेट पहुंचे। इस दौरान जज समेत पूरी कोर्ट को उनका इंतजार करना पड़ा। इसलिए जज ने दोनों पुलिसवालों को अनुशासनात्मक दंड के तौर पर कोर्ट में लेट पहुंने के लिए घास काटने की सजा सुनाई है। पुलिस विभाग के एक सीनियर अफसर ने बताया कि, दोनों पुलिसवाले मानवत में रात को गश्त पर थे, इस दौरान उन्हें दो लोग संदिग्ध रूप से घूमते हुए दिखाई दिए।

शक के आधार पर पुलिस वालों ने उन दोनों को हिरासत में लिया। अगले दिन पुलिस वालों को हिरासत में लिए गए दोनों लोगों को 11 बजे हॉलिडे कोर्ट में पेश करना था। लेकिन, दोनों संदिग्धों के साथ पुलिसकर्मी सुबह 11.30 बजे तक कोर्ट में पहुंचे। इससे कोर्ट के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी को गुस्सा आ गया।

वहीं, कोर्ट की इस असामान्य सजा से परेशान होकर दोनों पुलिसवालों ने अपने सीनियर अफसर को इसकी जानकारी दी। इसके बाद इस मामले को पुलिस स्टेशन की डायरी में आधिकारिक तौर पर 22 अक्टूबर को दर्ज किया गया। साथ ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी गई। वहीं, परभणी के एसपी प्रभारी यशवंत काले ने भी इस घटना की पुष्टि की है। इस रिपोर्ट में इस घटना के गवाह 3 और कांस्टेबलों के बयान दर्ज किए गए हैं।

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