अंकारा/वाशिंगटन: तुर्की (Turkiye) और अमेरिका (America) के बीच एक बड़ी हथियार डील को अंजाम दिया गया है। इसके तहत अंकारा (Ankara) घातक ‘F-16 ब्लॉक 70’ फाइटर जेट (‘F-16 Block 70’ Fighter Jet) खरीदने जा रहा है। 23 अरब डॉलर के इस सौदे के तहत तुर्की को अमेरिका से 40 नए F-16 हासिल होंगे। अमेरिका ने इस सौदे को दोनों देशों के बीच बड़ा कदम बताया है। न्यूज पोर्टल अल-मॉनिटर से अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘अमेरिका एफ-16 खरीदने के लिए तुर्की द्वारा प्रस्ताव और स्वीकृति पत्र पर हस्ताक्षर करने का स्वागत करता है।’ उन्होंने इस सौदे को नाटो (Nato) के अंतर-संचालन में एक निवेश बताया और कहा कि इससे अमेरिकी, तुर्की के साथ ही नाटो गठबंधन के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को समर्थन मिलेगा।
तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने मई में घोषणा की थी कि उसने 23 अरब डॉलर के बिक्री पैकेज पर विचार विमर्श पूरा कर लिया है, जिसमें 40 एफ-16 लड़ाकू विमान और तुर्की के मौजूदा बेड़े के लिए लगभग 80 आधुनिकीकरण किट शामिल हैं। इसी गुरुवार को अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि ‘इस विशेष बिक्री को अंतिम रूप देने में कुछ समय लगा। हमें यह देखकर खुशी हुई कि यह आगे बढ़ रहा है।’ गुरुवार को विदेश विभाग की टिप्पणियों ने ये संकेत दिया था कि दोनों पक्ष डील पर सहमत हो गए हैं।
तुर्की की अमेरिका से अभी ये मांग?
इस डील के साथ ही तुर्की अभी भी एफ-16 के कुछ हिस्सों के संयुक्त उत्पादन और 2020 में नई पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट कार्यक्रम से हटाए जाने से पहले F-35 फाइटर जेट के लिए लगाए गए लगभग 1.4 अरब डॉलर की भरपाई की मांग कर रहा है। विदेश विभाग के राजनीतिक सैन्य मामलों के ब्यूरो ने बुधवार को एक्स पर लिखा, ‘अमेरिका आज नए F-16 ब्लॉक 70 फाइटर जेट की खरीद में एक बड़ा कदम आगे बढ़ाने की घोषणा करते हुए गर्व महसूस कर रहा है। तुर्की के साथ सुरक्षा साझेदारी के लिए अमेरिका की स्थायी प्रतिबद्धता का यह नवीनतम उदाहरण है।’
रूस से दूर अमेरिकी खेमे में जा रही तुर्की?
तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि खरीद प्रक्रिया सकारात्मक रूप से जारी है। हालांकि उसने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया है। एफ-16 विमानों का उत्पादन अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन करती है। बाइडन प्रशासन ने इसी साल जनवरी में औपचारिक रूप से सौदे का समर्थन किया था, जब तुर्की ने स्वीडन की नाटो सदस्यता के लिए अपनी मंजूरी दी थी। इस सौदे से एक बार फिर ये साफ हुआ है कि अमेरिका और तुर्की के बीच जमी बर्फ पिघल रही है। रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के चलते अमेरिका ने तुर्की को अपने एफ-35 कार्यक्रम से बाहर कर दिया था। इसके जवाब में तुर्की ने 2020 में नए F-16 खरीदने के लिए अपनी बोली स्थगित कर दी थी।