कर्ज में डूबी एयर इंडिया 68 साल बाद आज टाटा ग्रुप में घर वापसी को तैयार है। इसके लिए लगभग सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। महाराजा की रौनक को वापस लाने के लिए टाटा ग्रुप तैयार है!गुरुवार से एयर इंडिया की फ्लाइट्स में एनहांस्ड मील सर्विस की शुरुआत अच्छे तरीके से शुरू होगी।
एयर इंडिया को औपचारिक रूप से टाटा ग्रुप को दे दिया गया है! इसमें टॉप सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी मौजूद रह सकते हैं। एयर इंडिया की स्थापना टाटा ग्रुप ने ही की थी लेकिन 68 साल पहले सरकार ने इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया था। पिछले कई साल से यह कंपनी घाटे में चल रही थी और सरकार भी कई बार इसे बेचने की कोशिश कर चुकी थी। आखिरकार पिछले साल टाटा संस ने इसके लिए बोली लगाई थी जिसके बाद अब वो पूरी तरह टाटा ग्रुप के नाम हो चुकी है
खबर के मुताबिक, एयर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश लेन-देन पूरा हो गया है. इसमें सरकार को स्ट्रैटेजिक पार्टनर (मैसर्स टैलेस प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी) से 2,700 करोड़ रुपये हासिल हुआ है, जिसके पास 15,300 रुपये का कर्ज है.
एयर इंडिया के लिए टाटा ने करीब 18 हजार रुपए की बोली लगाई थी. बोली जीतने के मौके पर टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा ने खुशी जाहिर की थी और एक पुरानी तस्वीर साझा कर इमोशनल भी हुए थे. सरकारी विमान कंपनी एयरइंडिया करीब 70 साल बाद अपने पुराने मालिक यानी टाटा समूह के पास गई है. दरअसल, जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा ने 1932 में इस एयरलाइन की स्थापना की थी. तब इसे टाटा एयरलाइन कहा जाता था.
महाराजा को सफल बनाने के लिए टाटा का जोर ऑनटाइम परफॉरमेंस पर है। यानी विमान के दरवाजे फ्लाइट टाइम से 10 मिनट पहले बंद हो जाएंगे। कैबिन क्रू मेंबर्स को भेजे गए एक मेल में कंपनी ने कहा है कि आज रात से हम पब्लिक सेक्टर से प्राइवेट सेक्टर में जा रहे हैं। हमारे लिए सात दिन बहोत महत्वपूर्ण है , क्योंकि इस दौरान हम अपनी इमेज, को बदलेंगे! टाटा ग्रुप के संदीप वर्मा और मेघा सिंघानिया इनफ्लाइट सर्विस को देखेगी ! टाटा ग्रुप चाहता है कि महाराजा को दुबारा बडे मुकाम पर पहुंचाया जाए!