ठाणे: महाराष्ट्र में 5 दिसंबर को नए मुख्यमंत्री के लिए शपथग्रहण समारोह आयोजित किया जा रहा है। लेकिन, अभी तक नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसकी कोई पुष्टी नहीं की गई है। पिछले शुक्रवार यानी 29 नवंबर से मुख्यमंत्री को लेकर रोज बैठक होने की जानकारी आ रही थी, जिसमें नए मुख्यमंत्री को लेकर फैसला आने की बात कही गई थी।
हालांकि, बैठके प्रतिदिन रद्द होती गई और अभी तक फैसला नहीं आया। आज शपथ ग्रहण समारोह से दो दिन पहले महायुति की बैठक होने की उम्मीदें हैं, जिसमें इसका निर्णय लिया जाएगा कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता गिरीश महाजन ने सोमवार को महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की।
एकनाथ शिंदे से मिले गिरीश महाजन
एकनाथ शिंदे जो गले के संक्रमण और बुखार से पीड़ित थे, अब ठीक हो रहे हैं। गिरीश महाजन ने कहा कि मुलाकात के दौरान उन्होंने महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों पर चर्चा की, जो 5 दिसंबर को होने वाली है। उन्होंने यह भी साफ तौर पर कहा कि महायुति गठबंधन के नेताओं के बीच कोई मतभेद नहीं है। गिरीश महाजन ने शिंदे से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, “मैं यहां एकनाथ शिंदे से मिलने आया था, जो पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ हैं। कोई नाराजगी नहीं है। हम एक घंटे तक साथ बैठे और बातचीत की। उन्होंने 5 दिसंबर की तैयारियों पर भी चर्चा की, और मैंने भी कुछ विचार साझा किए। हमें राज्य के लोगों के लिए बहुत काम करना है, और हम उनके लिए मिलकर काम करने जा रहे हैं।”
देवेंद्र फडणवीस का नाम आगे
इससे पहले रविवार को शिंदे ने पुष्टि की थी कि वह बुखार से ठीक हो गए हैं और उनका स्वास्थ्य अच्छा है। गुरुवार शाम को शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस (मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे माने जा रहे), अजित पवार और महायुति के अन्य नेताओं के साथ दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और मुख्यमंत्री की भूमिका को लेकर चल रहे गतिरोध पर चर्चा की।
भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 23 नवंबर को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की। हालांकि, गठबंधन ने अभी तक अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को अंतिम रूप नहीं दिया है। 280 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि उसके सहयोगी – एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने क्रमशः 57 और 41 सीटें जीतीं।