नई दिल्ली: हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाती है, लेकिन इस वर्ष 2024 में मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। सूर्यदेव का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात 2 बजकर 44 मिनट पर होगा। इसलिए उदयातिथि के अनुसार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। सूर्य का उत्तरायण प्रवेष अत्यन्त शुभ माना गया है। इस दिन से पूरे मलमास से रुके हुए विवाह, गृह प्रवेष, यज्ञोपवित संस्कार जैसे मांगलिक व शुभ कार्य पुनः शुरू हो जाते हैं। मकर संक्रांति के दिन पुण्यकाल और महापुण्यकाल में स्नान-दान बेहद फलदायी माना जाता हैं।
मकर संक्रांति 2024 पुण्य काल मुहूर्त कब है
इस बार पुण्य काल मुहूर्त 15 जनवरी को सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन शाम 5 बजकर 40 मिनट पर होगा। वहीं महापुण्य काल दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से शाम 06 बजे तक रहेगा। शश योग, वरियान योग, वाशी योग, सुनफा योग में मनेगी संक्रांति। इस दिन सूर्य मकर राशि में रहेंगे। साथ ही शतभिषा व पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, शश योग, वरियान योग, वाशी योग, सुनफा योग बनेगा। मकर संक्रांति पर दान क्यों करते हैं
इन योगों में शुभ कार्य, दान, पुण्य, तीर्थ यात्रा, भागवत महापुराण का पाठ करना किस्मत के बंद दरवाजे खोल सकता है। वहीं कुंभ राशि के चंद्रमा में मकर संक्रांति का पुण्य काल होगा, जो कि बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन सूर्य पूजन तथा भगवान शिव का अभिषेक विशेष रूप से करना चाहिए। लाखों लोग इस पर्व पर दान करते हैं। दान किसे करना चाहिए और यह कब काम आता है
कहते हैं कि इसकी महिमा को जानने के लिए यक्ष ने धर्मराज युधिष्ठर से प्रश्न किया कि मृत्यु के समय सब यहीं छूट जाता है। सगे-संबंधी, मित्र कोई साथ नहीं दें पाते तब उसका साथी कौन होता है, इस पर युधिष्ठर ने कहा-मृत्यु प्राप्त करने वाले का मित्र दान है। वही उसका साथ दे पाता है। सुपात्र को या सही व्यक्ति को दिया जाए जो प्राप्त दान को श्रेष्ठ कार्य में लगा सकें, उसी को दिया गया दान श्रेष्ठ होता है और वही पुण्य फल देने में समर्थ होता है। मकर संक्रांति पुण्यकाल मुहूर्त सुबह 10 बजकर 15 मिनट—शाम 5 बजकर 40 मिनट मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल – दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से शाम 06 बजे तक रहेगा।