नई दिल्ली : हमारे पूरे शरीर का संचालन दिमाग करता है। और उसमें चिंता, तनाव व अवसाद सरीखी समस्याएं रहने लगें तो भला क्या होगा? यकीनन, नतीजे अच्छे नहीं होंगे। तो बेहतर होगा कि इस ओर गौर किया जाए। अपने अन्न यानी खानपान में कुछ पोषक तत्वों को जोड़कर काफी हद तक मानसिक सेहत को दुरुस्त रखा जा सकता है। आहार सलाहकार डॉ. भारती दीक्षित कहती हैं कि खाना केवल शारीरिक सेहत के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक सेहत के लिए भी जरूरी है। अच्छे मानसिक सेहत के लिए अपनी थाली में मैग्नीशियम, ओमेगा -थ्री, ओमेगा-सिक्स फैटी एसिड्स, फाइबर और कैल्शियम आदि युक्त खाद्य पदार्थों को जगह दें।
हम खाना सिर्फ मुंह से नहीं खाते, बल्कि आंखों और मन से भी खाते हैं। अगर खाना आंखों को भाएगा तो मन अपने आप ही खुश हो जाएगा। नतीजा, आपके मानसिक तनाव में काफी हद तक कमी आएगी। इस बाबत डॉ. भारती कहती हैं कि अपने खाने में सतरंगी आहार को शामिल कीजिए। यानी ढेर सारे रंग वाले फलों, सब्जियों, बीजों और अनाजों का सेवन नियमित रूप से करें। ये न सिर्फ खाने के स्वाद में, बल्कि पोषण में भी इजाफा करेंगे। जब शरीर सेहतमंद रहेगा, तो मन भी खुश रहेगा।
विटामिन -बी को अपनी खुराक में भरपूर मात्रा में लेने से चिंता और तनाव काफी हद तक तक नियंत्रित रहेंगे। विभिन्न अध्ययनों में पाया गया है कि जो लोग अवसाद, पैनिक डिसऑर्डर आदि की समस्या से ग्रसित हैं उन्हें प्रतिदिन 18 ग्राम विटामिन-बी लेने से राहत मिलती है। विटामिन-बी के स्रोत जैसे मछली, अंडे और सब्जियां आदि तनाव व चिंता को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल्स हमारे तंत्रिका तंत्र को पोषण देते हैं, जिससे बेचैनी, तनाव, डर, गुस्सा सरीखे तमाम भावों में कमी आती है। साथ ही मैग्नीशियम दिल और धमनियों की सेहत की भी हिफाजत करता है। मैग्नीशियम और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन रात में सोने से पहले करने से अच्छी नींद भी आती है। मैग्नीशियम के लिए आप हरी सब्जियां, बादाम, काजू, सोयाबीन, तिल, केला और टोफू आदि को खुराक में शामिल कर सकती हैं। अगर आप मांसाहारी हैं तो आप मछली का सेवन करें।
आमेगा-थ्री और ओमेगा-सिक्स सिक्स फैटी एसिड हमारी याददाश्त को भी दुरुस्त रखते हैं। इनको खुराक में शामिल करना इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि हमारा शरीर इन पोषक तत्वों का निर्माण नहीं कर पाता। अगर आप मांसाहारी हैं, तो सी-फूड इसका सबसे अच्छा स्रोत है। शाकाहारी हैं तो इसके लिए साबुत अनाज, लहसुन, अलसी, सोयाबीन, टोफू आदि को अपनी खुराक में शामिल कीजिए।
बेरी स्वाद में अच्छी होने के साथ ही आपको दिमाग को तनाव से दूर रखने में भी मददगार होती हैं। इनमें प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो अवसाद से उबरने में मदद करते हैं। साथ यह फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होती है जो तनाव के लिए शरीर की प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। एंटीऑक्सिडेंट युक्त भोजन जैसे कि जामुन, खट्टे फल और विटामिन-सी को डाइट में शामिल करना मस्तिष्क को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाता है। जामुन और अन्य विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे नीबू, अमरूद, आंवला, शिमला मिर्च और संतरा आदि रक्त से तनाव हार्मोन कोर्टिसोल को साफ करने में मदद करते हैं। मेवे, बीन्स, अखरोट, हरी सब्जियां आदि को भी अपनी खुराक में जगह दीजिए।
बीज चाहे कद्दू के हों या फिर सूरजमुखी के…ये आपके तनाव के स्तर को कम करने में कारगर रहेंगे। इनमें मैग्नीशियम और विटामिन-ई होते हैं, जो अवसाद, थकान और चिड़चिड़ापन को दूर करने में मदद करते हैं। अधिकांश बीजों में ओमेगा -3 फैटी एसिड मौजूद होता है। इनका एंटी-इंफ्लामेट्री गुण तनाव हार्मोन के नकारात्मक प्रभावों का मुकाबला करने में मदद करता है। अपने आहार में अलसी के बीज, मछली और अखरोट जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल भी खामिल करें।
यह सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि आपके तनाव के लिए भी अच्छी होती है। शोध में पाया गया है कि डार्क चॉकलेट का एक छोटा टुकड़ा खाने से मन शांत होता है। डार्क चॉकलेट में मौजूद फ्लैवनॉइड तनाव को कम करने में मदद करता है।
सर्दी में चाय की चुस्कियां भला किसे नहीं भातीं। ऐसे में कैमोमाइल चाय को आजमाने का मौका बहुत अच्छा है। यह आपके तनाव के स्तर को कम करने में प्रभावी साबित होगा। इसकी एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी- इंफ्लामेट्री खूबियों के चलते यह तनाव को शांत करने में मददगार होती है। रात के खाने के बाद कैमोमाइल चाय का एक प्याला आपकी मानसिक सेहत को बेहतर रखेगा।
हल्दी और दूध आपकी मानसिक सेहत के लिए रामबाण साबित हो सकता है। दूध में मौजूद विटामिन-डी और प्रोटीन तनाव को शांत करता है। यह रक्तचाप और कोर्टिसोल के स्तर को कम करता है। साथ में हल्दी। जिसमें करक्यूमिन होती है, जिसके एंटीइंफ्लामेट्री गुण आपको ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाएंगे। यानी आपको दोहरा फायदा मिलेगा। अगर आप एंग्जाइटी से परेशान हैं तो नियमित रूप से दही का सेवन करें। दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स यानी अच्छे बैक्टीरिया पाचन तंत्र को ठीक रखने के साथ आपकी मानसिक सेहत को भी दुरुस्त रखने में मददगार होंगे।