मल्लिकार्जुनग खड़गे ने 6 प्रदेशों में नियुक्त किया महिला PCC अध्यक्ष, कांग्रेस का अगला एक्शन प्लान गुजरात में…
नई दिल्लीः कांग्रेस पार्टी देश भर में मजबूत संगठन खड़ा करने पर जोर दे रही है। खास कर राज्यों की कांग्रेस इकाइयों में बिखरे हुए काडर फिर से एक जुट करने की कोशिश कर रही है। इसलिए नियुक्तियों का दौर भी शुरू हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को 6 राज्यों में महिला कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी है।
राजस्थान, गुजरात, गोवा, मिजोरम, पुडुचेरी और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में महिला अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है। राज्य इकाइयों द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर कांग्रेस अध्यक्ष ने मुहर लगा दी है। इसमें राजस्थान में सारिका सिंह को, गुजरात में गीता पटेल को, गोवा में प्रतीक्षा एन खलप को, मिजोरम में जोडिनलियानी को, पुडुचेरी में ए रहमाथुन्निसा को और अंडमान-निकोबार द्पी समूह में जुबैदा बेगम को महिला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है।
इससे पहले बुधवार को कांग्रेस ने अपने सभी महासचिवों और राज्य प्रभारियों की बैठक की। बैठक की अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने की। बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने घोषणा की कि पार्टी हर राज्य, जिले और ब्लॉक में “संविधान बचाओ यात्रा” शुरू करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने गुजरात में होने वाले एआईसीसी के अगले सत्र की तैयारी शुरू कर दी है। बैठक राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी के नए मुख्यालय इंदिरा भवन में हुई। जयराम रमेश ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, “हमने सभी महासचिवों और प्रभारियों के साथ 7 घंटे की बैठक की। इसकी अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और अन्य सभी महासचिवों ने की। सभी 30 प्रभारी मौजूद थे। हम हर राज्य, जिले और ब्लॉक में संविधान बचाओ यात्रा शुरू करेंगे। हमने डीसीसी को मजबूत करने पर भी चर्चा की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने पहले ही घोषणा कर दी है कि 2025 संगठनात्मक सुधारों का वर्ष है। ‘संविधान बचाओ राष्ट्रीय यात्रा’ शुरू की जाएगी। अप्रैल के पहले पखवाड़े में अगला एआईसीसी सत्र गुजरात में आयोजित किया जाएगा और इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस लगातार तीसरी बार अपना खाता खोलने में विफल रही, जिसके नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए गए। इसके बाद से कांग्रेस एक बार फिर आगामी तैयारियों में जुट गई है। इस तैयारी की पहली कड़ी में संगठानात्मक सुधार पर जोर दिया जा रहा है।