राज्यसभा में गूंजा मणिपुर मुद्दा! खरगे बोले- केंद्र हिंसा रोकने में नाकाम PM चुप रहे, सरकार श्वेत पत्र लाए
नई दिल्ली: राज्यसभा में शुक्रवार को उस वक्त सियासी माहौल गरमा गया जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर हिंसा पर केंद्र सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि मणिपुर दो साल से हिंसा की आग में जल रहा है और केंद्र सरकार शांति बहाल करने में पूरी तरह नाकाम रही है। खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब पूरा मणिपुर संकट में था, तब प्रधानमंत्री ने वहां जाने की जरूरत नहीं समझी। उन्होंने केंद्र सरकार से सदन में मणिपुर की स्थिति पर श्वेत पत्र पेश करने की मांग भी रखी। मणिपुर में हिंसा से अब तक 260 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 60 हजार से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। खरगे ने राज्य की बिगड़ती अर्थव्यवस्था और जीएसटी संग्रह में गिरावट की भी बात उठाई। उन्होंने कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री को पहले दिन ही इस्तीफा दे देना चाहिए था लेकिन केंद्र सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
प्रधानमंत्री पर गंभीर आरोप
खरगे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मणिपुर की बजाय चुनावी रैलियों में व्यस्त रहे और विदेशी दौरों पर निकल गए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सुप्रीम कोर्ट के जज, एनजीओ और विपक्ष के नेता मणिपुर पहुंच सकते हैं तो प्रधानमंत्री वहां क्यों नहीं गए। उन्होंने कहा कि भाजपा मणिपुर पर चुप है क्योंकि वह मोदी को बचाना चाहती है।
मणिपुर के लिए कोई ठोस योजना नहीं
खरगे ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के पास मणिपुर में शांति बहाल करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि वे खुद मणिपुर जाएं और लोगों से मिलकर कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाएं। साथ ही उन्होंने सरकार से जवाबदेही तय करने की मांग की और कहा कि अब और चुप्पी नहीं चलेगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने मणिपुर की स्थिति पर सरकार से जवाबदेही की बात कही है। खडगे ने कहा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर जाना चाहिए और वहां की कानून व्यवस्था को ठीक करना चाहिए। खरगे ने पीएम से मणिपुर में जाकर स्थिति को सही करने की बात की। साथ ही यह भी कहा कि कम से कम मोदी जी को मणिपुर जाकर जवाब देना चाहिए।