चैत्र पूर्णिमा पर बने कई शुभ योग, रात के समय चुपचाप कर लें ये उपाय; मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न

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नई दिल्ली : चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को चैत्र पूर्णिमा का व्रत किया जाता है और इस दिन हनुमान जयंती का पर्व भी मनाया जाता है. पूर्णिमा की रात का हिंदू धर्म में बेहद खास महत्व है. इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और पूरे आकाश अपनी चांदनी से प्रकाशित भी करता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा की रात अमृत वृषा भी होती है और माता लक्ष्मी भी पृथ्वी पर विचरण करती हैं. इस बार चैत्र पूर्णिमा पर लक्ष्मी नारायण योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व भी बढ़ गया है. इन शुभ योग में अगर शाम के समय ज्योतिष के कुछ उपाय किए जाएं तो माता लक्ष्मी विशेष प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि का आगमन भी होता है.

चैत्र पूर्णिमा की शाम को पूरे घर की साफ सफाई करें और घर मेन गेट पर हल्दी का छिड़काव भी करें. साथ ही रात के समय घर के दोनों ओर घी के दीपक जलाएं और कनकधारा स्तोत्र का पाठ भी करें. ऐसा करने से घर में माता लक्ष्मी का आगमन होता है और पूरे परिवार के सदस्यों को माता का आशीर्वाद भी मिलता है.

वैवाहिक जीवन में अगर समस्या चल रही है तो चैत्र पूर्णिमा की रात पति-पत्नी दोनों एक लोटे में जल और दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें. साथ ही ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:’ मंत्र का जप भी करें. ऐसा करने से दांपत्य जीवन मजबूत होता है और कुंडली में अगर चंद्र दोष है तो वह भी दूर होता है.

चैत्र पूर्णिमा की रात में चांद की रोशनी में बैठने से स्वास्थ्य को लाभ मिलता है और मन को भी शांति मिलती है. साथ ही अगर आप कुछ देर चंद्रमा को देखते हैं तो आपकी आंखों को ठंडक भी मिलेगी, ऐसा करने से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है. अगर आप चंद्रमा की रोशनी में ध्यान करते हैं तो आपको जीवन के हर क्षेत्र में इसका फायदा मिलता है.

आज की रात चंद्रमा जिस दिशा में उदय हो रहे हों, उस दिशा में एक लकड़ी की चौकी रख लें और उस पर सिंदूर से स्वास्तिक बना लें. इसके बाद चौकी पर पानी का लौटा और एक गिलास में गेहूं भरकर उसके उपर एक रुपया रखकर चौकी पर रख दें. इसके बाद गेहूं के 13 दाने हाथ में लेकर पूर्णिमा की कथा सुनें और फिर कमलगट्टे की माला से ‘ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः’ मंत्र का 11 बार जप भी करें. ऐसा करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

चैत्र पूर्णिमा की शाम को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के मंदिर जाएं और वहां पर इत्र, फल, फूल, सुहाग का सामान आदि अर्पित करें. ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही कुंडली में मौजूद सभी दोष दूर होते हैं और सर्वकार्य सिद्ध हो जाते हैं.

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