कई नये उद्योगों एवं व्यवसायों को पीएमईजीपी योजना में शामिल किया गया: नवनीत सहगल

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लखनऊ: अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि भारत सरकार ने अधिकाधिक रोजगार सृजन की दृष्टि से पीएमईजीपी योजना में महत्वपूर्ण परिवर्तन किये है। विनिर्माण क्षेत्र में परियोजना लागत की अधिकतम् सीमा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी गई है। इसी प्रकार सेवा क्षेत्र में परियोजना लागत की अधिकत्म सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की गई है। शहरी क्षेत्र के ऋण आवेदन को बैंकों को अग्रसारित करने हेतु पहले केवल जिला उद्योग केन्द्र अधिकृत था। परन्तु अब सभी कार्यदायी एजेंसियां ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ शहरी क्षेत्र के भी आवेदन बैंको को अग्रसारित कर सकेंगे।

अपर मुख्य सचिव आज खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड कार्यालय में आयोजित प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत गठित राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी (एस.एल.एम.सी.) की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कई नये उद्योगों एवं व्यवसायों को भी पीएमईजीपी योजना में शामिल किया गया है। इनमें डेयरी उत्पादन, कुक्कट पालन, जलीय कृषि (मछली, मोलस्क, क्रेस्टेशियंस जलीय पौधे तथा जलीय जीवों की खेती), मधुमक्खी, रेशम उत्पादन आदि प्रमुख रूप से हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन व्यवसायों से जोड़े लोगों को प्रोत्साहित किया जायेगा और अधिक से अधिक लोगांे को पीएमईजीपी योजना से जोड़ने का कार्यवाही की जाय।

डा0 सहगल ने कहा कि वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत मार्जिन मनी वितरण में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 122 प्रतिशत उपलब्धि रही है। गत वर्ष 11069 इकाइयों के लिए 334.35 करोड़ रुपये मार्जिन मनी वितरण का लक्ष्य था, जिसके सापेक्ष 12581 इकाइयों को 410.54 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी वितरित की गई। मौजूदा वित्तीय वर्ष में इसे और अधिक बढ़ाया जाय। उन्होंने कहा समय से लोन अदा करने वाली इकाइयों को अपग्रेडेशन हेतु द्वितीय लोन से स्वीकृत करने में प्राथमिकता दी जाय।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि 428 मार्जिन मनी क्लेम जिसकी कुल राशि 14.04 करोड रुपये है, छोटी-छोटी कमियों की वजह से लम्बित है। कार्यदायी एजेन्सियां संबंधित उद्यमियों एवं वित्त पोषक बैंक से समन्वय कर कमियों को दूर कराकर एक सप्ताह के भीतर पीएमईजीपी ई-पोर्टल पर अपलोड कर दें। किसी भी हाल में आवेदन-पत्र लम्बित नहीं रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएमईजीपी की संशोधित गाइड लाइन के अनुसार आवेदन पत्र तीन सप्ताह के बाद लम्बित नहीं होने चाहिए।

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