कोलकाता कांड के विरोध में आज भी कई प्रदर्शन-रैलियां, विधानसभा में बिल पेश करेंगी ममता, बोली BJP- सब ड्रामा

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कोलकाता: कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना के विरोध में यहां रविवार को कई रैलियां और प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ-साथ नागरिक संगठनों के सदस्यों की दिन में शहर में और पूरे पश्चिम बंगाल में सड़कों पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन करने की योजना है।

जहां एक तरफ तृणमूल कांग्रेस की महिला सदस्य बलात्कारियों को मृत्युदंड देने के लिए कानून में संशोधन की मांग को लेकर विभिन्न ब्लॉक पर प्रदर्शन करेंगी। वहीं, भाजपा एस्प्लेनेड में 29 अगस्त से शुरू अपने धरने को आज भी जारी रखेगी। केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने पहले कहा था कि प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चिकित्सक बलात्कार-हत्या मामले को लेकर अपने पद से इस्तीफा दें।

पश्चिम बंगाल सरकार ने कल यानी सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है, जिसमें बलात्कार के दोषियों को मृत्युदंड के प्रावधान संबंधी एक विधेयक पेश कर उसे पारित किया जाएगा। वही आज रविवार दोपहर को मध्य कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर से एस्प्लेनेड तक भव्य ‘महा मिछिल’ रैली निकाले जाने का कार्यक्रम है, जिसमें समाज के विभिन वर्गों के लोग शामिल होंगे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘यह एक गैर-राजनीतिक रैली है और इसकी योजना सोशल मीडिया पर बनाई गई। इसमें हजारों लोगों के शामिल होने की संभावना है।”

जानकारी दें कि पश्चिम बंगाल में बलात्कारियों के लिए अलग से मृत्युदंड देने के ममता बनर्जी की सरकार विधानसभा में विधेयक पेश करेगी। इस विधेयक को ममता बनर्जी की सरकार को कैबिनेट की मंजूरी भी मिल चुकी है। यह बिल पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को दो दिनों के विशेष सत्र में पारित किया जाएगा और बाद में मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। लेकिन इस मुद्दे पर भी भारी विवाद सामने आ गया है और राजनीति भी शुरू हो गई है।

मामले पर पश्चिम बंगाल में बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि राज्य सरकार के पास राज्यवार मृत्युदंड पर इस तरह का कानून लाने का कोई प्रावधान नहीं है। यह केवल लोकसभा और राज्यसभा के माध्यम से ही पारित किया जा सकता है, जिसे फिर से सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रद्द भी किया जा सकता है, ममता बनर्जी जो कुछ भी कर रही हैं वह सिर्फ राजनीति के लिए ही है।

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