नई दिल्ली: हिमाचल और गुजरात के विधानसभा चुनाव का परिणाम 8 दिसंबर को आएगा। हिमाचल में 1 चरण और गुजरात में 2 चरण में मतदान हुआ। रविवार को तो दिल्ली नगर निगम चुनाव की वोटिंग भी हुई। 8 दिसंबर को घोषित होने वाले चुनाव परिणामों को लेकर राजनेता दावे कर रहे हैं। इन्हीं दावों के बीच सबकी नजर एग्जिट पोल पर भी है। हालांकि एग्जिट पोल सच साबित होंगे या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं क्योंकि एग्जिट पोल कई बार गलत भी साबित हो चुके हैं। जैसे कि राजधानी दिल्ली में 2015 में विधानसभा चुनाव हुए तो एग्जिट पोल कुछ और बयां कर रहे थे जबकि आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीतकर सबको हैरान कर दिया था। तब भाजपा 3 सीटों पर सिमटी थी। बेचारी कांग्रेस तो अपना खाता तक न खोल पाई।
2014 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल ने सबको चौंका दिया था। एग्जिट पोल में बीजेपी को 300 से ज्यादा सीटों पर हासिल करते दिखाया था। शुरुआत में इन एग्जिट पोल पर किसी को यकीन नहीं था। लेकिन जब रिजल्ट आए तो बीजेपी को 303 और एनडीए गठबंधन को 353 सीटें मिलीं। साल 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में भी कई एग्जिट पोल गलत साबित हुए थे। चुनावों के नतीजों से पहले कई चैनलों और एजेंसियों ने दावा किया था कि बिहार में महागठबंधन यानी राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनेगी। लेकिन जब चुनाव के नतीजे आए तो बिहार में जेडीयू और बीजेपी गठबंधन की सरकार बनी।