मुरादाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने और भड़काऊ बयान देने के मामले में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान के खिलाफ मुरादाबाद के नागफनी थाने में गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। उधर, मौलाना तौकीर ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि वह देश को एक और विभाजन से बचाने की कोशिश में लगे हैं। एफआईआर उन्हें रोकने के लिए कराई गई है। अगर वह सच में गलत हैं तो उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराया गया।
बता दें कि मौलाना तौकीर रजा ने 15 मार्च से बरेली से प्रस्तावित अपनी तिरंगा यात्रा के लिए संपर्क कार्यक्रम के दौरान 11 मार्च को मुरादाबाद में प्रेसवार्ता की थी। इसी में उन्होंने प्रधानमंत्री की तुलना धृतराष्ट्र से की थी। कहा था कि खालिस्तान की मांग करने वालों की तरह ही हिन्दू राष्ट्र की मांग करने वाले हिन्दू संगठनों पर भी देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो। मौलाना तौकीर ने प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास के नारे को भी झूठा बताया था और आरोप लगाया था कि मोदी सरकार मुसलमानों के साथ न्याय नहीं कर रही है। मुसलमानों की हत्या करने वालों के घर भी बुल्डोजर चलना चाहिए। उनका यह बयान काफी वायरल हुआ था। एसएचओ नागफनी जसपाल सिंह ग्वाल ने बताया कि वायरल वीडियो के आधार पर दांग चौकी प्रभारी ओमपाल सिंह ने मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ समाज में शत्रुता बढा़ने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने और आपत्तिजनक टिप्पणी आदि के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है।
उधर, एफआईआर दर्ज होने के बाद बरेली में पलटवार करते हुए आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि, कातिलों पर कार्रवाई नहीं हो रही। अगर हम उनके विरोध में निकल रहे हैं, तो हमारे ऊपर मुकदमा लिखा जा रहा है। जेल का खौफ दिखाकर उन्हें रोकने की कोशिश हो रही है। मौलाना ने कहा कि हिंदूवादी संगठन देश का बंटवारा करने में लगे हैं, जो मैं होने नहीं दूंगा। मेरे बयान में कुछ गलत है, तो मुझे गिरफ्तार किया जाना चाहिए। हल्की धाराओं में मुकदमा लिखकर मेरा अपमान किया। कार्रवाई ही करनी थी तो मेरे ऊपर देशद्रोह का मुकदमा या यूएपीए लगाते। मौलाना ने कहा है कि राष्ट्रपति से मुलाकात करने से रोकने की कोशिश हो रही है।