मणिपुर हिंसा : एन बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ हुए मैतेयी, मांग रहे इस्तीफा, केंद्र ने भेजी अतिरिक्त फोर्स

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इंफाल (Imphal) । मणिपुर (Manipur) में विष्णुपुर के क्वाता में मैतेयी समुदाय (Meitei Community) के तीन लोगों की हत्या के बाद यहां तनाव व्याप्त है। इस समय चुराचांदपुर और विष्णुपुर (Churachandpur and Vishnupur) इस हिंसा का केंद्र बना हुआ है। वहीं इस घटना के बाद एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) की सरकार के साथ खड़े रहने वाले मैतेयी संगठन भी उनके विरोध में आ गए हैं और इस्तीफे की मांग (demand for resignation) कर रहे हैं। ऐसे में बीरेन सिंह सरकार के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है। मैतेयी संगठन ने एन बीरेन सिंह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। इसी बीच केंद्र सरकार ने 800 अतिरिक्त केंद्रीय बलों को मणिपुर भेजा है।

दो विधायकों ने वापस लिया समर्थन
कुकी पीपल्स अलायंस यहां एनडीए का सहयोगी था। अब इस पार्टी को दो विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया है। वहीं कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटिग्रिटी (COCOMI)का कहना है कि मणिपुर की सरकार उनके लोगों के जीवन की रक्षा करने में विफल है। बड़ी संख्या में महिलाएं बीरेन सिंह के आवास के बाहर इकट्ठी हुईं और पेपर फाड़कर प्रदर्शन किया।

COCOMI ने 29 जुलाई को रैली की थी और सरकार से मांग की थी कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए। कोकोमी नेता जितेंद्र निगोम्बा ने क्वाता में उग्रवादियों की घुसपैठ और तीन लोगों की हत्या को लेकर सरकार से सवाल किया कि आखिर जब गांव में असम राइफल्स के जवान मौजूद थे तो ये हमलावर लोगों के घरों में कैसे घुस गए। हमलावरों ने ज्यादातर उन्हीं हथियारों का इस्तेमाल किया था जो उन्होंने दूसरी इंडियन रिजर्व बटालियन के हेडक्वार्टर से लूटे थे।

इसके अलावा इंफाल के न्यू चेकोन इलाके में 15 घरों को आग लगा दी गई। इसके बाद भीड़ और सुरक्षाबलों की बीच गोलीबारी भी हुई। वहीं मोंगचाम इलाके में भी उग्रवादियों ने सेना की टुकड़ी पर हमला कर दिया। इसके बाद जवानों ने कुकी इंडिपेंडेंट आर्मी के एक उग्रवादी को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एसएलआर और गोला बारूद पाया गया है। मणिपुर इन दिनों लूटे गए हथियारों को बरामद करने के लिए लगातार छापे डाल रही है।

बता दें कि क्वाता की कुल जनसंख्या 13500 के लगभग है जिसमें से 12 हजार मुस्लिम मैतेयी पंगाल हैं। केवल 1500 मैतेयी हैं और कुकी समुदाय के 15 घर ही थे जो कि खालीहो चुके हैं। मैतेई और कुकी की इस लड़ाई में मुस्लिम मैतेयी पंगाल शामिल नहीं हैं बावजूद इसके उनको भारी नुकसान पहुंचा है। उनका कहना है कि बीते तीन महीने से लोगों को रहना मुहाल हो गया है। लगातार फायरिंग सुनाई पड़ती है और उनके समुदाय के कई लोग गोली लगने की वजह से घायल हो गए हैं।

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