इसरो की मदद से भारतीय रेल निगरानी के लिए विकसित की गई आधुनिक तकनीक

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नई दिल्ली । इसरो की मदद से भारतीय रेलों के लिए एक विशेष तकनीक विकसित की गई है। इस तकनीक को भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेनों पर नजर रखने के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। इसके अंतर्गत रेल के 2700 इंजनों के लिए रियल टाइम ट्रेन इंफॉर्मेशन सिस्टम (आरटीआईएस) उपकरण लगाए गए हैं। यह आरटीआईएस 30 सेकंड अंतराल पर मध्य-खंड अपडेट देगा। वर्तमान में, लगभग 6500 रेल के इंजनों से जीपीएस फीड सीधे कंट्रोल ऑफिस एप्लीकेशन को भेजी जाती है। इससे ट्रेनों में ऑटोमेटिक चाटिर्ंग और यात्रियों को नवीनतम स्थिति की जानकारी मिल सकेगी।

इसरो के सहयोग से विकसित रीयल टाइम ट्रेन इंफॉर्मेशन सिस्टम (आरटीआईएस) को ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान या पूर्वाभ्?यास सहित स्टेशनों पर ट्रेन की आवाजाही के समय की स्वत जानकारी प्राप्?त करने के लिए इंजनों में लगाया जा रहा है। कंट्रोल ऑफिस एप्लीकेशन (सीओए) सिस्टम में ये अपने आप उन ट्रेनों के कंट्रोल चार्ट पर स्वतह सारणी तैयार कर लेते हैं।

रेल मंत्रालय के मुताबिक आरटीआईएस 30 सेकंड के अंतराल पर मिड-सेक्शन अपडेट प्रदान करता है। ट्रेन नियंत्रण अब बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के आरटीआईएस सक्षम इंजनों/ट्रेन के स्थान और गति पर अधिक बारीकी से नजर रख सकता है।

रेल मंत्रालय का कहना है 21 इलेक्ट्रिक लोको शेड में 2700 इंजनों के लिए आरटीआईएस उपकरण स्थापित किए गए हैं। दूसरे चरण के रोल आउट के हिस्से के रूप में, इसरो के सैटकॉम हब का उपयोग करके 50 लोको शेड में 6000 और इंजनों को शामिल किया जाएगा। वर्तमान में, लगभग 6500 लोकोमोटिव (आरटीआईएस और आरईएमएमएलओटी) को सीधे कंट्रोल ऑफिस एप्लिकेशन (सीओए) में डाला जा रहा है। इसने सीओए और एनटीईएस एकीकरण के माध्यम से यात्रियों को ट्रेनों की स्वचालित चाटिर्ंग और नवीनतम जानकारी के सूचना प्रवाह को सक्षम किया है।

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