नई दिल्ली (New Delhi) । भारी उद्योग मंत्रालय (Ministry of Heavy Industries) ने बुधवार को देश में ई-परिवहन (e-transport) को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना (new scheme) की घोषणा की। अप्रैल, 2024 से जुलाई, 2024 तक (चार महीने) के लिए चलने वाली इस योजना पर 500 करोड़ रुपये का खर्च होगा। नई परियोजना दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए है।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और विनिर्माण कार्यक्रम का दूसरा चरण (फेम-2) 31 मार्च, 2024 को समाप्त हो रहा है। भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने ई-परिवहन संवर्द्धन योजना 2024 (ईएम पीएस 2024) की घोषणा करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार देश में ई-परिवहन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। योजना के तहत प्रति दोपहिया वाहन के लिए 10,000 रुपये की सहायता दी जाएगी। इसका उद्देश्य लगभग 3.3 लाख दोपहिया वाहनों को सहायता प्रदान करना है। छोटे तिपहिया वाहनों (ई-रिक्शा और ई-कार्ट) की खरीद के लिए 25,000 रुपये तक की सहायता दी जाएगी। ऐसे 41,000 से अधिक वाहनों को कवर किया जाएगा। बड़ा तिपहिया वाहन खरीदने पर 50,000 रुपये की वित्तीय मदद दी जाएगी। फेम-2 के तहत सब्सिडी 31 मार्च, 2024 तक या धन उपलब्ध होने तक बेचे जाने वाले ई-वाहनों के लिए पात्र होगी।
आईआईटी रुड़की के साथ समझौते
भारी उद्योग मंत्रालय और रुड़की के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सेक्टर में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए तथा एक साथ मिल कर काम करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन पर भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, भारी उद्योग मंत्रालय और उत्तराखंड राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए 19.8745 करोड़ रुपये के कुल अनुदान तथा उद्योग के साझीदारों द्वारा योगदान किए गए अतिरिक्त 4.78 करोड़ रुपये के साथ, इस परियोजना की लागत 24.6645 करोड़़ रुपये है।