नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव से पहले सरकार टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दे सकती है। एक फरवरी को पेश वाले अंतरिम बजट में नई कर व्यवस्था के तहत कर मौजूदा टैक्स छूट को सात लाख रुपये से बढ़ाकर 7.5 लाख रुपये किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि इस बदलाव के लिए वित्त विधेयक पेश किया जा सकता है। मामले से जुड़े दो अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सरकार यह फैसला लेती है तो करदाताओं को नई कर व्यवस्था में आठ लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इस छूट में 50 हजार रुपये की मानक कटौती भी शामिल है। सरकार ने 2023 के बजट में नई कर व्यवस्था के तहत छूट को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपये किया था।
गौरतलब है कि सरकार ने बजट 2023 में नई कर व्यवस्था में कई बदलाव करते हुए राहत दी थी। इसके मुताबिक, पहले नई कर व्यवस्था में किसी भी तरह के निवेश या कटौती का दावा नहीं किया जा सकता था, लेकिन बजट में इसमें मानक कटौती को शामिल कर लिया गया है। इसके तहत, करदाताओं को 50,000 रुपये तक की कर कटौती दी जाती है। वहीं, पेंशनधारियों को इस व्यवस्था के तहत 15,000 रुपये तक की छूट दी जा रही है।
इसके अलावा नई व्यस्था के कर स्लैब में भी बदलाव किया गया था। इसके तहत मूल छूट सीमा को पहले के 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया था।
रिकॉर्ड ITR दाखिल हुए
आकलन वर्ष 2023-24 के लिए 31 दिसंबर तक रिकॉर्ड 8.18 करोड़ आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल किए गए थे। यह 2022-23 में इसी अवधि में दाखिल किए गए 7.51 करोड़ आईटीआर से 9 प्रतिशत अधिक था।
टैक्स रेवेन्यू 14.7 प्रतिशत बढ़ा
सरकार अपना कर संग्रह बढ़ाने पर जोर दे रही है। पिछले साल अप्रैल से नवंबर की अवधि में, कर राजस्व 14.7 प्रतिशत बढ़ा, जो प्रत्यक्ष कर के लिए 10.5 प्रतिशत और अप्रत्यक्ष कर टैक्स के लिए 10.45 प्रतिशत के बजट अनुमान से अधिक है। विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि सरकार को अधिक कर राहत पर विचार करना चाहिए।