मोदी सरकार ने रद्द किया 58 साल पुराना प्रतिबंध, अब RSS के कार्यकर्मों में शामिल हो सकेंगे सरकारी कर्मचारी

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नई दिल्ली: आरएसएस और केंद्र सरकार के बीच चल रहे मतभेद के बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है जहां सरकार ने RSS पर लगे 58 साल पुराने एक प्रतिबंध को हटा दिया है। जिसके बाद अब सरकारी कर्मचारी RSS के किसी भी कार्यक्रम में शामिल हो सकते है। केंद्र सरकार की और से जारी फरमान की माने तो केंद्र सरकार के द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के संबंधित कार्यालय ज्ञापनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए।

सरदार पटेल ने लगाया था प्रतिबंध
बात अगर RSS को लेकर लगे प्रतिबंध की करें तो सरदार पटेल ने फरवरी 1948 में गांधी जी हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था। हलांकि अच्छा आचरण देखते हुए उस समय सरकार ने प्रतिबंध हटाने का फैसला किया लेकिन 1966 में सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था। जिसके बाद अब इसे बीजेपी ने खत्म किया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष लगातार रूप से केंद्र सरकार पर हमलावर हो रही है। जहां कांग्रेस ने केंद्र सरकार की ओर से रविवार को जारी इस फैसले की तीखी आलोचना की है, जिसमें आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर लगे 6 दशक पुराने प्रतिबंध को हटा दिया गया है।

कांग्रेस ने की तीखी आलोचना
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश नेल सबसे पहले केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। जहां उन्होने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि, ‘सरदार पटेल ने फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध हटा लिया गया था। इसके बाद भी आरएसएस ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया।

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इसके साथ ही जयराम रमेश ने कहा कि 1966 में सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था – और यह सही फैसला भी था। यह प्रतिबंध लगाने के लिए 1966 में जारी किया गया आधिकारिक आदेश है। 4 जून 2024 के बाद स्वघोषित गैर-जैविक प्रधानमंत्री और आरएसएस के बीच संबंधों में खटास आ गई है। 9 जुलाई 2024 को 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान भी लागू था। मेरा मानना ​​है कि अब नौकरशाही भी निकर में आ सकती है।

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