नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए EPF अकाउंट के लिए ब्याज दर 8।15 प्रतिशत घोषित की है, इससे पहले ये 8।10 प्रतिशत था। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने भविष्य निधि योगदान के लिए ब्याज दर में वृद्धि को नोटिफाई कर दिया है। EPFO की तरफ से जारी एक नोटिफिकेशन में बताया गया है कि भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने ईपीएफ योजना के हर सदस्य के अकाउंट में वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज जमा करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 के पैरा 60 (1) के तहत केंद्र सरकार की अनुमति दे दी है।
EPFO अकाउंट पर प्राप्त होने ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की घोषणा से संबंधित सर्कुलर 24 जुलाई सोमवार को जारी किया गया है। गौरतलब है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए EPF Account पर 8।15 प्रतिशत की ब्याज दर तय की थी तथा अनुमति के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा था। जानकारी के अनुसार, अकाउंट में ब्याज का पैसा अगस्त 2023 से तक पहुंचने लगेगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की तरफ से जारी सर्कुलर के अनुसार, बोर्ड ने इसी वर्ष मार्च में ब्याज दर को 8।10 प्रतिशत से बढ़ाकर 8।15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, CBT की सिफारिश के बाद, ब्याज दर को वित्त मंत्रालय द्वारा नोटिफाई किया जाता है, तभी इसे EPFO सदस्यों के अकाउंट में जमा किया जा सकता है। आमतौर पर, ब्याज दर वित्त मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में अधिसूचित की जाती है और ग्राहक FY23 की अधिसूचना का इंतजार कर रहे थे। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए EPFO ने EPF Account के लिए ब्याज दर 8.10 प्रतिशत तय की थी। यह लगभग 40 वर्ष की सबसे कम ब्याज दर है। 1977-78 में EPFO ने 8 फीसदी की ब्याज दर तय की थी। मगर इसके बाद से निरंतर यह 8।25 प्रतिशत या उससे ज्यादा रही। वित्त वर्ष 2018-19 में 8.65 प्रतिशत, 2017-18 में 8.55 प्रतिशत, 2016-17 में 8।65 प्रतिशत एवं वित्त वर्ष 2015-16 में 8.8 प्रतिशत ब्याज प्राप्त होता था।