मस्जिद की भी नींव रखें मोदी, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में अयोध्या आ रहे पीएम से मुस्लिमों की अपील

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अयोध्या : भव्‍य राम मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। 22 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला के प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह में आ रहे हैं। इस दौरान वे मुख्‍य यजमान की भूमिका में नजर आएंगे। राम मंदिर ट्रस्‍ट के सदस्‍य दो दिन पहले पीएम मोदी निमंत्रण देने दिल्‍ली गए थे। इस बीच, कुछ मुस्लिम नेताओं ने प्रधानमंत्री से धन्‍नीपुर गांव में नई मस्जिद की आधारशिला भी रखने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं। वह हिंदू और मुसलमान दोनों के लिए हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद, अयोध्या के अध्यक्ष मुफ्ती हिसबुल्लाह बादशाह खान ने कहा कि अगर वह हिंदू भाइयों के इबादतगाह का उद्घाटन करने आ रहे हैं तो उन्हें मस्जिद की नींव भी रखनी चाहिए।

बता दें कि जहां राम मंदिर निर्माण के लिए ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ का गठन किया गया, वहीं मस्जिद के निर्माण की देखरेख के लिए ‘इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ बना हुआ है। इंडियन मुस्लिम लीग के अध्यक्ष मोहम्मद इस्माइल अंसारी का कहना है कि हमारे प्रधानमंत्री एक शुभ अवसर पर अयोध्या आ रहे हैं। हम उनसे मस्जिद पर भी काम शुरू करने का अनुरोध करते हैं। यह हमारी हार्दिक इच्छा है। वहीं, इंडियन मुस्लिम लीग के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष नजमुल हसन गनी ने प्रधानमंत्री मोदी से जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी और अखिल भारतीय इमाम संगठन के अध्यक्ष डॉ. इलियासी को साथ आने और धन्नीपुर मस्जिद की आधारशिला रखने का अनुरोध किया।

इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन (athar hussain) ने कहा कि हम 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के नायक मौलवी अहमदुल्ला शाह फैजाबादी को समर्पित एक मुफ्त कैंसर अस्पताल, एक मस्जिद, एक सामुदायिक रसोई और एक शोध केंद्र बनाना चाहते थे। प्रधानमंत्री की उपस्थिति हमारे लक्ष्य को पूरा कर सकती है। हम उनका स्वागत करेंगे। इसी तरह, अयोध्या मामले के पूर्व वादी इकबाल अंसारी ने कहा कि मोदी किसी विशेष समुदाय के प्रधानमंत्री नहीं हैं। वह मंदिर के लिए सब कुछ कर रहे हैं तो उन्‍हें मस्जिद के लिए भी करना चाहिए।

आपको बता दें कि 2019 में अयोध्या भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले में कहा गया कि 2.77 एकड़ विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा। साथ ही मुसलमानों को बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए धन्नीपुर में वैकल्पिक 5 एकड़ जमीन दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी सरकार ने राम मंदिर से करीब 25 किलोमीटर दूर सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में मस्जिद के लिए जगह दी है।

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