Monkeypox : बदन तोड़ दर्द-103 डिग्री बुखार, Monkeypox की चपेट में आए सेक्सुअल हेल्थ वर्कर की कहानी

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Monkeypox : देश में मंकीपॉक्स के दूसरे मामले की आज पुष्टि हुई है. दूसरा केस भी केरल में ही मिला है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि कन्नूर में 31 वर्षीय शख्स में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है. उन्हें परियाराम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्वास्थ्य स्थिति ठीक है. उनके संपर्क में में आने वालों पर निगरानी रखी जा रही है.

ऐसे में मोनकेपॉक्स के लक्षण किस किस प्रकार के है ये आपको जानना और सझना जरुरी है

पिछले कुछ हफ्तों में, दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मंकीपॉक्स ( Monkeypox) के कई नए मामले सामने आए हैं। फ्रांस, जर्मनी, स्पेन और यूनाइटेड किंगडम में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। मंकीपॉक्स ने भारत में भी दस्तक दे दी है। देश में फिलहाल इस वायरस के दो मामले बताए जा रहे हैं। मंकीपॉक्स, मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के कारण होता है। इस रोग के लक्षण चेचक के लक्षणों के समान ही होते हैं।

आम तौर पर मंकीपॉक्स को हल्का माना जाता है और कुछ लोग बिना किसी जरूरी उपचार के हफ्तों में ठीक हो सकते हैं। हालांकि कुछ मामलों में यह गंभीर हो सकता है और बीमारी गंभीर जटिलताएं भी पैदा कर सकती है। मंकीपॉक्स को यौन संबंध से भी जोड़कर देखा जाता है। बताया जाता है कि मंकीपॉक्स यौन संपर्क से भी फैल सकता है।

Monkeypox : उत्तरी लंदन का एक सेक्स वर्कर हारुन तुलुने भी मंकीपॉक्स की चपेट में आया है। हाल ही में उसने इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मंकीपॉक्स से अपना अनुभव शेयर किया है। अगर आप इस तेजी से फैल रही बीमारी से बचना चाहते हैं, तो आपको यह जानना चाहिए।
हारुन को 11 जून 2022 को बुखार हुआ। उसके लिम्फ नोड्स में दर्द, खुजली और सूजन महसूस हुई। उसका बुखार 39.6 डिग्री सेल्सियस (103.28 डिग्री फारेनहाइट) तक बढ़ गया। वह भी कांप रहा था। पांचवे दिन वो किसी तरह की मूवमेंट नहीं कर पा रहा था और असहनीय दर्द था। उसके बाद उसकी नाक पर एक छाला बना गया, जप पहले छोटा था लेकिन बाद में बड़ा और अधिक दर्दनाक हो गया। उसने बताया कि मेरे गले में घावों के कारण, मैं निगल, खा या पी नहीं सकता था। वह दर्दनाक था। दर्द ने मुझे चौंका दिया।

अस्पताल में भर्ती होने के बाद हारून का 10 दिनों के लिए टेकोविरिमैट के साथ इलाज किया गया था। यह चेचक के लिए विकसित एक एंटीवायरल एजेंट है, जिसे अब यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) द्वारा मंकीपॉक्स के लिए लाइसेंस दिया गया है। हारून ने बताया कि उसे पेन किलर और इन्फेक्शन की वजह से एंटीबायोटिक्स दी जा रही थी।

चूंकि मंकीपॉक्स नया प्रकोप है और संक्रमण व इसके पैटर्न के बारे में बहुत कुछ नहीं पता है। यही वजाह है कि संक्रमित होने से व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ सकता है। हारून ने भी बीमारी की वजह से तनाव महसूस किया। उसने बताया कि मंकीपॉक्स की वजह से मिले निशानों को देखकर मैं डर जाता हूं।
मंकीपॉक्स अलग-अलग तरीकों से फैल सकता है। यह संक्रामक दाने के सीधे संपर्क से फैल सकता है। आमने-सामने संपर्क के दौरान या अंतरंग शारीरिक संपर्क के दौरान भी संक्रमण प्रसारित हो सकता है। पहले संक्रामक व्यक्ति द्वारा छुआ वस्तुओं को छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है। वर्तमान में यह स्पष्ट नहीं है कि क्या मंकीपॉक्स को यौन संचरण मार्गों जैसे वीर्य या योनि द्रव के माध्यम से प्रेषित किया जा सकता है।

वर्तमान में मंकीपॉक्स के लिए जागरूकता बढ़ाना इससे बचने का सबसे बढ़िया उपाय है। ट्रेसिंग और आइशोलेसन प्रकोप को नियंत्रित करने के प्राथमिक उपाय हैं। यदि किसी को मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है, तो यह जरूरी है कि वे चकत्ते, बुखार और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षणों पर नजर रखे और डॉक्टर के संपर्क में रहे।

 

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