नई दिल्ली : मानसून का मौसम गर्मी से राहत (relief) देता है लेकिन इससे हवा में नमी भी बढ़ जाती है। इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) जैसे संक्रमण (Infection) के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप इस मौसम में खुद को इस समस्या से दूर रखना चाहते हैं तो इसके लिए कुछ आसान से टिप्स फॉलो कर सकते हैं।
मानसून की शुरुआत अपने साथ खुशी और राहत का एहसास लेकर आती है। हालांकि, यह अपने साथ वॉटर बॉर्न डिजीज, एलर्जी और संक्रमण जैसी कई समस्याएं भी लेकर आता है। ऐसा ही एक संक्रमण है यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई)।
यूटीआई एक संक्रमण है, जो यूरिनरी ट्रैक के किसी भी हिस्से जैसे ब्लैडर, यूरेथ्रा,किडनी और यूटेरस को प्रभावित करता है। यह यूरिनरी ट्रैक में बैक्टीरिया के प्रवेश करने के कारण होता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यूटीआई होने का खतरा अधिक होता है, क्योंकि उनका यूरिनरी ट्रैक छोटा होता है, जिससे बैक्टीरिया आसानी से ब्लैडर तक पहुंच जाते हैं।
ऐसे में जब भी यूटीआई की बात आती है, तो एहतियाती कदम उठाना हमेशा जरूरी होता है। यहां कुछ ऐसे टिप्स दिए गए हैं, जिनकी मदद से आप मानसून के दौरान यूटीआई को रोक सकते हैं:-
मानसून में अगर आप यूटीआई से बचना चाहते हैं, तो पर्याप्त में मात्रा में पानी या अन्य तरल पदार्थ पीते रहे हैं।ज्यादा फ्यूइड्स पीने से शरीर को यूरिनरी ट्रैक से बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है। ऐसे में यह सुनिश्चित करें कि आप अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखने और अपने यूरिनरी सिस्टम को साफ रखने के लिए रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी पिएं।
एसिडिक फूड्स और ड्रिंक्स से बचें
चाय, कॉफी और सोडा जैसे एसिडिक फूड्स और ड्रिंक्स का सेवन आपके ब्लैडर में जलन पैदा कर सकता है और इससे आपको यूटीआई का ज्यादा खतरा हो सकता है।
टाइट-फिटिंग कपड़े पहनने से जेनिटल एरिया में एयर सर्कुलेशन में रुकावट होती है, जिससे बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं। इसलिए मानसून के दौरान ढीले-ढाले पैंट या स्कर्ट पहनने की कोशिश करें।
शौचालय का उपयोग करने के बाद, हमेशा आगे से पीछे तक पोंछें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मलाशय यानी रेक्टम से बैक्टीरिया वजाइना या यूरेथ्रा में प्रवेश न करें। साथ ही गंदे पानी के संपर्क में आने के बाद नियमित रूप से नहाना और कपड़े बदलना न भूलें।
जब आप पर्याप्त मात्रा में यूरिन नहीं करते हैं, तो बैक्टीरिया को यूरिनरी ट्रैक में प्रवेश करने और संक्रमण पैदा करने का समय मिल जाता है। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आप हर 3-4 घंटे में या जब आपका ब्लैडर भरा हुआ महसूस हो तब यूरिन जरूर करें।
डॉक्टर से सलाह लें
अगर आपको पेशाब करते समय जलन या पेट में दर्द जैसे किसी भी लक्षण का अनुभव होता है, तो यूटीआई के निदान और उसके संभावित इलाज के विकल्पों के लिए तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें।