राजस्थान में आफत बन कर बरस रहा मानसून, मौसम विभाग ने कोटा, झालावाड़ और जोधपुर समेत 16 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया

0 213

जयपुर। राजस्थान में मानसून इस बार आफत बन कर बरस रहा है। हालांकि, गुरुवार को मानसून की रफ्तार कम पड़ी है। बारिश का यह ब्रेक सुकून देने वाला है, लेकिन, प्रदेश के 10 शहरों में अब भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है। झालावाड़, कोटा, बूंदी, बारां, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, चंबल, जालोर, सिरोही और टोंक में बांध पूरी तरह से भर चुके हैं। बांधों से रोजाना पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी जलस्तर कम नहीं हो रहा है। ऐसे में अब और बारिश बड़ा संकट खड़ा कर सकती है।

प्रदेश में गुरुवार को भी 16 जिलों में बारिश का अलर्ट है। कोटा, झालावाड़ और धौलपुर में सबसे ज्यादा आफत है। यहां एनडीआरएफ ने पिछले चौबीस घंटे में करीब छह हजार लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। राजस्थान में मानसून इस बार रिकाॅर्ड तो तोड़ चुका है। प्रदेश में पूरे बरसाती सीजन में 428.65 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन अब तक 582.74 मिलीमीटर हो चुकी है। 716 छोटे-बड़े बांधों में करीब अस्सी फीसदी पानी आ चुका है।

मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी करते हुए अब कोटा, बारां, झालावाड़, भीलवाड़ा, नागौर, चूरू, सीकर जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, सिरोही, प्रतापगढ़, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, जोधपुर जिलों और आस-पास के क्षेत्रों मे कहीं-कहीं पर हल्की वर्षा की उम्मीद जताई है। इनमें अधिकांश वो जिले हैं, जहां पहले से बारिश आफत बनी हुई है। राज्य में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें चौबीस घंटे काम कर रही है। धौलपुर, कोटा, झालावाड़, बारां में एनडीआरएफ को सबसे ज्यादा मशक्कत करनी पड़ रही है। धौलपुर में 1460 लोगों को बाढ़ से बाहर निकाला गया, जबकि बारां में 708, झालावाड़ में 751, कोटा में 1286 लोगों का रेस्क्यू हुआ। इसके अलावा छबड़ा, बूंदी, करौली में भी पानी बढ़ रहा है।

कोटा बैराज के सभी सोलह गेट खोलने पड़े हैं। यहां से लाखों लीटर पानी पिछले तीन दिन में डिस्चार्ज किया जा चुका है। इसके बाद भी यहां पानी का स्तर बढ़ रहा है। बारां में जबर्दस्त बारिश के बाद कोटा की ओर जाने वाला रास्ता एक बार बंद हो गया है। यहां चार से पांच फीट पानी भरा हुआ है। ऐसे में यातायात को रोक दिया गया है। अंता (बारां) में भी पानी लगातार बांधों को लबालब कर रहा है। यहां कालीसिंध में सत्तर फीट तक पानी भर चुका है। उदयपुर में भी हालात नियंत्रण में नहीं आ रहे हैं। यहां बुधवार को भी सामान्य बारिश हुई है। पिंडवाड़ा की ओर जाने वाले रास्ते पर पहाड़ों से पत्थर टूटकर सड़क पर आ गिरे। ये रास्ता भी काफी समय तक बाधित रहा। इसके अलावा सवाई माधोपुर, बांसवाड़ा, जालोरर और सिरोही में भी हालात बिगड़े हैं। सिरोही में सेना को अलर्ट किया गया है। जालोर के ही जसवंतपुरा में हर तरफ पानी ही पानी है। चित्तौड़गढ़ और झालावाड़ में नदियां उफान पर है।

बारिश का दौर थमने के बाद बांसवाड़ा जिले में माही बांध के दस गेट बंद कर दिए गए। बुधवार शाम छह बजे तक छह गेट ही खुले रहे। इससे 280.55 मीटर स्तर रखा गया है। मध्यप्रदेश से पानी की आवक कम होने से कोटा बैराज के 5 गेट बंद कर दिए गए। कोटा बैराज से शाम 6 बजे तक 13 गेटों से 2.38 लाख क्यूसेक पानी की निकासी जारी रही। जयपुर, अजमेर और टोंक जिले की लाइफ लाइन कहा जाने वाला बीसलपुर बांध छलकने के कगार पर पहुंच गया है। बीसलपुर बांध का गेज गुरुवार सुबह 315.35 आरएल मीटर तक पहुंच गया। इतनी जलराशि से बांध 2024 तक तीनों जिलों की प्यास बुझा सकेगा। बीसलपुर बांध की भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है। त्रिवेणी में पानी का बहाव 4.20 मीटर पर है। शाम तक 3 साल बाद बीसलपुर बांध के गेट खुलने की उम्मीद है। पिछले साल कम बरसात के चलते बीसलपुर बांध खाली रह गया था।

प्रदेश में गुजरे 24 घंटों में अजमेर में 6.5, भीलवाड़ा में 7, वनस्थली में 3.9, जयपुर में 9.2, सीकर में 4, चित्तौड़गढ़ में 13, डबोक (उदयपुर) में 16.1, बाडमेर में 6.6, जवाई बांध (पाली) में 7, जैसलमेर में 64.2, जोधपुर में 20.3, बीकानेर में 0.4, श्रीगंगानगर में 1.2, टोंक में 2.5, चित्तौड़गढ़ में 10, डूंगरपुर में 13, संगरिया में 0.5, जालोर में 14.5, सिरोही में 34.5, अलवर में 1.1, बांसवाड़ा में 4.5 मिलीमीटर पानी बरसा।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.