यूपी विधानसभा का मॉनसून सत्र आज से, हंगामे के आसार, सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

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लखनऊ (Lucknow) । उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) का मानसून सत्र (Monsoon Session) सोमवार से शुरू हो रहा है। पांच दिन के इस संक्षिप्त सत्र में जोरदार हंगामे के आसार हैं। विपक्ष खासतौर पर सपा-कांग्रेस (SP-Congress) मिल कर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं, वहीं सरकार ने भी तमाम मुद्दों पर विपक्ष को जोरदार जवाब देने की तैयारी कर ली है। कानून व्यवस्था, महंगाई, किसान, बाढ़ जैसे परंपरागत सवाल तो उठेंगे ही, इस बार परीक्षाओं में नकल, नीट मामला, कांवड़ यात्राओं के दौरान दुकानदारों के लिए नेम प्लेट लगाना, बस्तियों पर बुलडोजर चलाने जैसे मुद्दे भी सपा उठाएगी। नए नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।

30 को पेश होगा अनुपूरक बजट
योगी सरकार इसी मानसून सत्र में 30 जुलाई को अनुपूरक बजट पेश करेगी। इसके जरिए कुंभ मेले के लिए अतिरिक्त धन का बंदोबस्त कराया जाएगा। साथ की कई अन्य जरूरी योजनाओं के लिए पैसे की कमी के चलते अतिरिक्त रकम का इंतजाम होगा। वित्तमंत्री सुरेश खन्ना मंगलवार को दोपहर 12:20 बजे बजट पेश करेंगे।

सपा के बागी विधायकों पर होगी सबकी नजर
सपा के सात बागी विधायकों का सदन में क्या रुख रहेगा, इस पर सबकी नजर रहेगी। पिछले सत्र तक सपा के मुख्य सचेतक रहे मनोज पांडेय सपा विधायकों संग बैठेंगे या कहीं और बैठेंगे, यही नहीं सदन में आने वाले सवालों व विरोध पर वह सपा का साथ देंगे या नहीं, यह सवाल भी है। अखिलेश यादव अपने बागी विधायकों की सदस्यता खत्म कराने की तैयारी में है। सपा विधायक पल्लवी पटेल वैसे तो पीडीए के सवाल पर बागी तेवर दिखा चुकी हैं। कई अन्य बागी विधायक भी संभव है सदन में न आएं। भाजपा का इन बागी विधायकों के प्रति रुख का अंदाजा इसी सत्र में लग जाएगा।

सदन का बदला बदला होगा नजारा
सदन में इस बार सत्ता पक्ष व विपक्ष दोनों छोर पर नजारा बदला सा दिखेगा। अखिलेश यादव, लालजी वर्मा सांसद हो जाने के कारण अब सदन में नहीं दिखेंगे। अखिलेश यादव की जगह अब माता प्रसाद पांडेय दिखेंगे। सदन में मंत्री जितिन प्रसाद भी नहीं होंगे क्योंकि वह केंद्रीय मंत्री हो चुके हैं। रालोद, निषाद पार्टी व भाजपा को मिला कर एनडीए के पांच विधायक भी अब सांसद बन गए हैं। चूंकि हर छह माह में विधानसभा सत्र होना जरूरी है। इस संवैधानिक बाध्यता के चलते यह सत्र बुलाया गया। संभव है विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव के लिए कोई पहल हो।

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