वायनाड भूस्खलन में अब तक 300 से अधिक मौतें, छठे दिन भी राहत व बचाव कार्य जारी

0 53

वायनाड। केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई को मेप्पाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी थी। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अबतक 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल हैं। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों चूरलमाला और मुंडक्कई में सेना का राहत व बचाव कार्य छठे दिन भी जारी है। अभी भी मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। वहीं, राज्य के तीन जिलों के लोगों के लिए जीवन रेखा रही चलियार नदी भूस्खलन के बाद से विनाश का प्रतीक बन गई है।

केरल के पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास का कहना है कि उत्तरी केरल के भूस्खलन प्रभावित इलाकों में छठे दिन भी बचाव अभियान जारी रहेगा और उन स्थानों पर अधिक बल और उपकरण तैनात किए गए हैं, जहां शवों के बरामद होने की संभावना ज्यादा है। उन्होंने कहा कि वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड जिलों से बहने वाली चलियार नदी के 40 किलोमीटर के हिस्से में खोज अभियान जारी रहेगा, क्योंकि मलप्पुरम में नीलांबुर के पास कई शव और अवशेष बरामद किए गए हैं। भूस्खलन से तबाह हुए मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में बचाव अभियान पिछले कुछ दिनों की तरह ही जारी रहेगा और उन स्थानों पर अधिक बल और उपकरण तैनात किए जाएंगे, जहां शवों के मिलने की संभावना अधिक है।

जो लोग प्राकृतिक आपदा से जिंदा बच गए हैं, उनके पुनर्वास के बारे में पर्यटन मंत्री ने कहा कि सभी के साथ चर्चा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘शिविरों और अस्पतालों में रह रहे लोगों के विचारों को प्राथमिकता दी जाएगी। मगर अभी चर्चा नहीं की जाएगी। इन सब पर बात तब होगी जब यह लोग बात करने की स्थिति में होंगे।’मंत्री ने कहा कि पहचान और अन्य महत्वपूर्ण रिकॉर्ड खो चुके लोगों की मदद के लिए तत्काल हस्तक्षेप किया जाएगा। वहीं, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा किसी भी तरह से बाधित न हो, इसके लिए भी कदम उठाए जाएंगे। राज्य सरकार ने हाल ही में पीड़ितों के पुनर्वास के लिए एक नई टाउनशिप स्थापित करने की योजना की भी घोषणा की है।

केरल के वायनाड में खोज और बचाव अभियान छठे दिन भी जारी है। कई लोगों के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका है। वायनाड जिला कलेक्टर मेघश्री ने रविवार को बताया कि बचाव अभियान पूरे जोरों पर है। आज 1300 से अधिक बलों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, ‘बचाव अभियान जोर-शोर से चल रहा है। आज, 1,300 से अधिक बलों को तैनात किया है। स्वयंसेवक भी मौजूद हैं। कल बचाव अभियान के लिए गए स्वयंसेवक वहां फंस गए थे, आज हम सावधानी बरत रहे हैं ताकि ऐसा न हो।’

इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय ने जानकारी दी है कि चूरलमाला और मुंडक्कई इलाकों में पुलिस की रात्रि गश्त शुरू की गई है। रात में पीड़ितों के घरों या क्षेत्रों में अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसमें कहा गया है कि बचाव अभियान के उद्देश्य से पुलिस की अनुमति के बिना रात में कोई भी यहां के घरों और क्षेत्रों में प्रवेश नहीं कर सकता है। वहीं, राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में 30 जुलाई को हुए बड़े भूस्खलन में मरने वालों की संख्या शुक्रवार तक 308 है। नवीनतम अपडेट के अनुसार, 215 शव और 143 शरीर के अंग बरामद किए गए, जिनमें 98 पुरुष, 87 महिलाएं और 30 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने आगे बताया कि 212 शवों और 140 शवों के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और रिश्तेदारों ने अब तक 148 शवों की पहचान कर ली है।

केरल के तीन जिलों के लोगों के लिए जीवन रेखा रही चलियार नदी 30 जुलाई को वायनाड में हुए भूस्खलन के बाद विनाश का प्रतीक बन गई है। कई सदियों से 169 किलोमीटर लंबी नदी ने वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड में अपने तट के किनारे रहने वालों के जीवन का पोषण किया है। अब, इसका शांत जल दुख के जलमार्ग में बदल गया है, जो आपदा में खोए लोगों के शवों को बहा रहा है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.