नई दिल्ली: यूसीसी यानी समान नागरिक संहिता (UCC) पर विधि आयोग (Law Commission) को गुरुवार तक 50 लाख से ज्यादा सुझाव मिल चुके हैं। ये संख्या ऑनलाइन सुझाव (Online Suggestion) की है। सूत्रों के मुताबिक आनलाइन सलाह के अलावा आयोग को ऑफलाइन तरीके से भी सुझाव मिले हैं। हालांकि सुझाव भेजने की समय सीमा आज को समाप्त हो रही है।
कुछ संगठनों ने आयोग से यूसीसी पर व्यक्तिगत सुनवाई की मांग की है। जानकारी के मुताबिक आयोग प्रतिक्रियाओं की जांच कर संगठनों को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए आमंत्रित करने पर निर्णय लेगा। 14 जून को विधि आयोग ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से विचार मांगकर समान नागरिक संहिता पर परामर्श प्रक्रिया शुरू की थी। समान नागरिक संहिता का अर्थ है देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून। उत्तराखंड आने वाले दिनों में समान नागरिक संहिता लागू करने जा रहा है।
समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग द्वारा मांगे गए सुझाव के जवाब में अखिल भारतीय अधिवक्ता संघ (एआइएलयू) ने कहा कि इस स्तर पर समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करना न तो आवश्यक है और न ही वांछनीय। एआइएलयू के महासचिव पीवी सुरेंद्रनाथ ने कहा कि विभिन्न सांस्कृतिक प्रथाओं का एकरूपीकरण धर्मनिरपेक्षता नहीं है। यह धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्र की एकता के प्रतिकूल है।